करनाल : शिक्षा की गुणवत्ता के दावे करने वाले शिक्षा विभाग की पोल बुधवार को हरियाणा बोर्ड द्वारा घोषित किए गए दसवीं और बारहवीं कक्षा के प्रथम सेमेस्टर परिणाम ने खोल दी है।
दसवीं का परीक्षा परिणाम मात्र 47.15 प्रतिशत और बारहवीं का 52.76 प्रतिशत रहा जो पिछले सेशन के मुकाबले 12.17 प्रतिशत कम रहा। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड में जिले का परिणाम कुछ खास नहीं रहा। करनाल की बेटियों ने ही जिले की नाक बचाई। कक्षा बारहवीं के कुल 17015 विद्यार्थी परीक्षा में बैठे थे जिनमें से 8977 बच्चे पास हुए हैं जिनका पास प्रतिशत मात्र 52.76 प्रतिशत रहा। इस परीक्षा में 9869 छात्र बैठे थे, जिनमें से 4337 पास हुए हैं जिनका प्रतिशत 43.95 रहा। इसके अलावा सात हजार 146 छात्राओं में से 4640 छात्राओं ने परीक्षा पास की।
इनका पास प्रतिशत 64.93 रहा।
मालूम हो कि सेशन 2013-14 में कक्षा 12वीं का पास प्रतिशत 64.04 रहा था, वहीं दसवीं कक्षा का परिणाम पिछले ढर्रे पर ही खड़ा है।
सेशन 2013-14 में जिले का परिणाम 47.81 प्रतिशत रहा था और इस बार 47.15 प्रतिशत आया है। इस बार 18507 विद्यार्थी परीक्षा में बैठे थे जिनमें से 8724 विद्यार्थी पास हुए हैं।
मोबाइल व इंटरनेट पर दिन भर लगे रहे बच्चे
जैसे ही परीक्षा परिणाम आने की सूचना बच्चों को मिली तो वे मोबाइल और इंटरनेट पर अपने-अपने परीक्षा ढूंढने में जुट गए। शिक्षा विभाग ने दोपहर बाद परिणाम वेबसाइट पर डाला। साइबर कैफे की दुकानों पर काफी भीड़ देखने को मिली।
पढ़ाई में रुचि घटी
जिले में शिक्षा का स्तर गिरता जा रहा है। दसवीं का पास प्रतिशत पचास का आंकड़ा भी नहीं छू सका। अभिभावकों का कहना है कि बच्चे शिक्षा के प्रति रुचि कम दिखाते हैं जिसका मुख्य कारण है शिक्षा विभाग की फेल न करने की गलत नीति और अध्यापकों को दबाव न होना। au
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