पानीपत : स्कूलों के डीडीओ (आहरण व वितरण अधिकारी) पर अब शिकंजा कसेगा। बच्चों के खाते में देरी से स्कीमों का पैसा डालने पर उन्हें चार्जशीट किया जाएगा। निदेशालय को ढेरों शिकायत मिलने के बाद आला अधिकारियों ने यह फरमान जारी किया है।
राजकीय विद्यालयों में शिक्षा हासिल करने वाले बच्चों को विभिन्न सरकारी स्कीमों से पैसा दिया जाता है। निदेशालय से पैसा जारी होते डीडीओ बच्चों तक पहुंचाने की प्रक्रिया में जुट जाते हैं। राजकीय प्राथमिक विद्यालय से लेकर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में सरकारी पैसों का हिसाब किताब रखने के लिए डीडीओ नियुक्त किए गए। विद्यालय का आहरण व वितरण अधिकारी होने के नाते ट्रेजरी से पैसा निकालने का उसे अधिकार होता है। इंडिपेंडेंट एलीमेंटरी स्कूलों में भी अब डीडीओ लगा दिया गया है। निदेशालय से विभिन्न फंडों का पैसा समय से डीडीओ को भेज दिया जाता है, लेकिन लेटलतीफी की वजह से लाभान्वितों के खाते में पैसा नहीं पहुंच पाता। वर्कलोड से ज्यादातर डीडीओ समय से खाते में पैसा डालने पर टालमटोल कर देते हैं।
ट्रेजरी बिल बनाने में देरी
डीडीओ को ट्रेजरी में बिल बनाकर भेजना पड़ता है। बिल में प्रत्येक बच्चे का नाम, खाता संख्या व राशि की जानकारी देनी होती है। इसे तैयार करने में समय लगता है। इससे बिल बनाने में देरी हो जाती है। वर्कलोड के बहाने पैसा देरी से खाते में डालते हैं। जो डीडीओ देरी से पैसा डालेंगे उन्हें चार्जशीट थमाया जाएगा।
निदेशालय से फंड जारी
शिक्षा निदेशालय से स्कूलों में फंड जारी किए जाते हैं। फंड किस मद का इसकी सूचना डीडीओ को पहले ही दे दी जाती है। एससी, बीसी व बीपीएल स्कीमों के फंड तो त्रैमासिक जारी किए जाते हैं। लेकिन कई ऐसे फंड भी होते जो प्रत्येक माह जारी होते हैं। सूचना के बावजूद डीडीओ टाइम से उसका सदुपयोग नहीं करते हैं।
द्वितीय इंस्टालमेंट जारी
सरकारी स्कूलों में एससी, बीसी व बीपीएल छात्रवृत्ति का द्वितीय इंस्टालमेंट जारी कर दिया गया है। डीडीओ इसे जल्द से बच्चों के खाते में पहुंचाएं। शिक्षा निदेशालय से जारी यह राशि पानीपत के सरकारी स्कूलों के डीडीओ के खाते में ट्रांसफर कर दी गई। डीडीओ शनिवार तक अनिवार्य रूप से खजाना से निकलवा कर लाभान्वितों के खाते में डाल दें। जो डीडीओ इसमें कोताही बरतेंगे उन्हें चार्जशीट किया जाएगा। dj
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