चंडीगढ़ : हरियाणा के कर्मचारियों ने प्रदेश की नयी सरकार के खिलाफ तीखे तेवर करने के संकेत दे दिये हैं। वहीं पंजाब के समान वेतनमान दिये जाने का मुद्दा खट्टर सरकार के गले की फांस बनता दिख रहा है। अपने चुनावी घोषणा-पत्र में इसका वादा करने वाली भाजपा सत्ता में आने के बाद इस मुद्दे को होल्ड कर चुकी है। जबकि पूर्व की हुड्डा सरकार ने पहली नवंबर, 2014 से हरियाणा पुलिस सहित सभी विभागों, बोर्ड एवं निगमों के कर्मचारियों को पंजाब के समान वेतनमान दिये जाने का फैसला लिया था। हुड्डा मंत्रिमंडल के इस फैसले को आधार बनाते हुए कर्मचारी संगठनों ने अब खट्टर सरकार पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। कर्मचारी संगठनों ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से भी इस मुद्दे पर मुलाकात के लिए समय मांगा है। कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें पहली नवंबर, 2014 से ही पंजाब के समान वेतनमान एवं पेंशन का लाभ दिया जाये।
रिव्यू में अटका फैसला:
गौर हो कि सत्ता में आते ही 27 अक्तूबर को मंत्रिमंडल की पहली बैठक में भाजपा सरकार ने हुड्डा सरकार द्वारा 16 मई, 2014 के बाद लिये गये सभी फैसलों की समीक्षा करने का निर्णय लिया था। ऐसे में पंजाब के समान वेतनमान दिये जाने के फैसले का भी सरकार रिव्यू कर रही है।
नंबर-वन हरियाणा के कर्मचारी से 15 हजार अधिक वेतनमान पंजाब में
सर्व कर्मचारी संघ, हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष धर्मबीर फौगाट व महासचिव सुभाष लाम्बा ने कहा कि पंजाब का कर्मचारी नंबर-वन हरियाणा के कर्मचारी से लगभग 15 हजार अधिक वेतनमान ले रहा है। उन्होंने कहा- इस मुद्दे को लेकर हरियाणा के कर्मचारियों ने हुड्डा सरकार के खिलाफ आंदोलन किए थे। इसके बाद ही हुड्डा मंत्रिमंडल ने पंजाब के समान वेतनमान दिये जाने का फैसला लिया था।
वादे से कैसे पलट सकती है सरकार
सर्व कर्मचारी संघ, हरियाणा के महासचिव सुभाष लाम्बा ने कहा कि कर्मचारियों को नई सरकार से उम्मीद थी कि वह सत्ता में आते ही उनकी मांग को पूरा करेगी। लेकिन खट्टर मंत्रिमंडल ने वेतनमान पर फैसले काे रिव्यू करने का नियर्ण गलत लिया है। जब भाजपा अपने चुनावी घोषणा-पत्र में पंजाब के समान वेतनमान दिये जाने का वादा कर चुकी है, तो अब इससे पीछे क्यों हट रही है। हरियाणा मंत्रिमंडल के फैसले के बाद हरियाणा के कर्मचारियों में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है। सर्व कर्मचारी संघ ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर शीघ्र मुलाकात करने का समय देने का अनुरोध किया है ताकि पंजाब के समान वेतनमान, अनुबंध शिक्षकों सहित दो वर्ष की सेवा पूरी कर चुके सभी प्रकार के कच्चे कर्मचारियों को पक्का करवाने के मामले में अपना पक्ष रखा जा सके।
कविता जैन ने भी कर्मचारियों को दिया था आश्वासन
लाम्बा ने बताया कि 11 अगस्त को कर्मचारी संघ का प्रतिनिधिमंडल प्रदेश अध्यक्ष धर्मबीर फौगाट के नेतृत्व में तत्कालीन विधायक व वर्तमान में कैबिनेट मंत्री कविता जैन व भाजपा के अन्य नेताओं और इनेलो नेताओं से चंडीगढ़ में मिला था। संघ ने अपना मांग-पत्र सौंपा था। कविता जैन ने उनकी लगभग सभी मांगों को जायज करार देते हुए भाजपा सरकार आने पर उनका प्राथमिकता से निदान करने का आश्वासन दिया था।
कर्मचारियों की कई हैं मांगें
कर्मचारी संगठनों का कहना है कि अनुबंध कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों के समान वेतनमान देने, शोषण की पोषक व भ्रष्टाचार की जननी सरकारी विभागों में लागू की जा रही निजीकरण, आउटसोर्सिंग व ठेके की नीतियों पर रोक लगाने जैसी मांगें मुख्यमंत्री के सामने रखी जायेंगी। इनके अलावा प्रदेश की जनता को बेहतर सेवाएं प्रदान करने के लिए सरकारी विभागों में खाली पड़े पदों को भरने का मुद्दा भी मुख्यमंत्री के सामने उठाया जायेगा। dt
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