चंडीगढ़ : प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कार्यरत मास्टरों ने लंबे समय से ठंडे बस्ते में चली आ रही अपनी अहम मांगों को शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा के समक्ष उठाने का फैसला किया है। मास्टरों के मांग पत्र में अपनी समस्याओं के अलावा शिक्षा से जुड़े कुछ मुद्दे भी हैं।
हरियाणा मास्टर वर्ग एसोसिएशन ने नौ सूत्रीय मांग पत्र शिक्षा मंत्री को भेज कर बैठक के लिए समय भी मांगा है। एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश मलिक का कहना है कि शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा खुद शिक्षक रहे हैं। वे शिक्षकों की समस्याओं से भली भांति वाकिफ हैं। एसोसिएशन ने अपना मांग पत्र तैयार कर उन्हें भेजा है। एसोसिएशन को उम्मीद है कि शिक्षा मंत्री जल्द ही उन्हें बैठक के लिए बुलाएंगे और समस्याओं का समाधान होगा। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार के समय शिक्षकों के साथ कई बार विश्वासघात हुआ है। शिक्षा निदेशालय में अधिकारियों ने बैठकों के दौरान उनकी मांगें तो मान ली, लेकिन उन्हें पूरा करने की अधिसूचना जारी नहीं की।
ये हैं मास्टरों की प्रमुख मांगें
- स्कूल लेक्चरर की वर्षो से अटकी पदोन्नति सूची जल्द जारी की जाए। पदोन्नति में उसी विषय के अध्यापक की शर्त हटाएं।
- मौलिक स्कूल मुख्याध्यापकों की पदोन्नति सूची जारी कर काउंसलिंग से स्टेशन दें।
- शिक्षा का अधिकार कानून के अनुसार कक्षा का दायरा 35 छात्रों तक सीमित रखा जाए।
- विषयों के साप्ताहिक पीरियड प्रति विषय आठ तय हों।
- टीजीटी का वर्क लोड 36 पीरियड प्रति सप्ताह तक सीमित करें।
- हाई स्कूलों में पीजीटी की नियुक्ति न हो।
- प्रधानाचार्य पदों पर मुख्याध्यापकों का कोटा 20 से बढ़ाकर 50 प्रतिशत करें।
- टीजीटी की एसीपी की शक्तियां जिला स्तर पर दी जाएं।
- गर्मियों में स्कूलों का समय 8 से दो व सर्दियों में 9 से 3 हो।
- हाई स्कूल हेडमास्टर के रिक्त पद मौलिक स्कूल मुख्याध्यापकों की वरिष्ठता सूची से भरे जाएं।
- प्रधानाचार्य पदों पर मुख्याध्यापकों का कोटा पूरा किया जाए।
- आठवीं की बोर्ड परीक्षा फिर से शुरू हो।
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