नई दिल्ली : देशभर के केंद्रीय विद्यालयों में अब तीसरी भाषा के रूप में संस्कृत भाषा का ही अध्ययन करना होगा। अब तक जर्मन भाषा का अध्ययन संस्कृत केविकल्प के रूप में दिया जाता था जिसे बंद करने का फैसला लिया गया है। अब जर्मन भाषा का अध्ययन छात्रों केलिए अतिरिक्त विषय या हॉबी क्लास के रूप में होगा। संगठन ने कक्षा छठी से आठवीं तक के छात्रों केलिए जर्मन भाषा केअध्ययन की शुरुआत कुछ स्कूलों से वर्ष 2010-11 में की थी।
मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी की अध्यक्षता में केन्द्रीय विद्यालय संगठन की 99वीं बोर्ड ऑफ गवर्नर (बीओजी) की बैठक में यह फैसला लिया गया है। अब जर्मनी को संस्कृत के विकल्प के रूप में पढ़ रहे छात्रों को संस्कृत या अन्य भारतीय भाषा का विकल्प दिया जाएगा। au
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