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Tuesday, 4 November 2014

प्रशासनिक अव्यवस्था का खामियाजा भुगतने को मजबूर विद्यार्थी

** प्राध्यापकों की नियुक्ति हुई रद्द, अब कैंपस प्लेसमेंट से पड़ा हाथ धोना 
** प्रशासकीय व्यवस्था पर किए सवाल खड़े 
सोनीपत : दीनबंधु छोटूराम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मुरथल लचर प्रशासकीय व्यवस्था का खामियाजा विद्यार्थियों को भुगतना पड़ रहा है। 
एक ओर जहां लंबे समय तक प्राध्यापक भर्ती की प्रक्रिया पूरी नहीं करने पर राज्य सरकार ने भर्ती को अपनी समीक्षा के लिए रख लिया तो वहीं लंबे समय से विवि में कैंपस से रोजगार की उम्मीद लगाए बैठे सैकड़ों विद्यार्थियों को भी झटका लगा है। मशहूर वाहन निर्माता कंपनी ने कैंपस प्लेसमेंट प्रक्रिया को ही रद्द कर दिया है। इन व्यवस्था से विवि के प्रशासकीय व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं, लेकिन इनका जवाब देने को कोई तैयार नहीं है। 
यह प्रस्ताव पास कराने की है कोशिश 
नियुक्ति प्रक्रिया के अंतर्गत जहां टेस्ट के लिए 20 नंबर, एकेडमिक मेरिट के लिए 50 तथा साक्षात्कार के लिए 30 अंक निर्धारित किए गए हैं। इसमें यहां टेस्ट और साक्षात्कार में जहां कोई बदलाव नहीं है तो वहीं एकेडमिक मेरिट जोकि सर्वाधिक महत्वपूर्ण है, उसमें व्यवस्था बदल गई है। पूर्व में जहां 60 अंक बढ़ते स्तर के साथ मेरिट भी उच्च होती जाती थी, लेकिन अब अगर विद्यार्थी के 60 अंक है तो भी उतने ही अंक और 75 अंक है तो भी उतने ही अंक उम्मीदवार को मिलेंगे। जिससे सीधे तौर पर मेधावी उम्मीदवार प्रभावित होंगे। सूत्रों के मुताबिक यह बदलाव अगस्त माह के पहले पखवाड़े में ही किया गया। 
नौकरी तो समीक्षा पर, मापदंड बदलने की अभी भी तैयारी 
विवि में सहायक प्रोफेसर की नियुक्ति को भले ही मौजूदा सरकार ने अपनी समीक्षा तक रोक लिया है, लेकिन विवि प्रशासन की ओर से अभी भी उसके मापदंड बदलने की कोशिशें जारी हैं। सूत्रों का कहना है कि विवि की कार्यकारी परिषद ईसी की बैठक में पांच नवंबर को प्रस्ताव भी लाया जा रहा है। वहीं जानकारों का मानना है कि नौकरी बाबत विज्ञापन प्रकाशित होने के बाद मापदंड को बदलना न्याय संगत नहीं माना जाता। इसी आधार के तहत उम्मीदवारों की ओर से कार्यकारी परिषद के सदस्यों के पास पत्र भी भेजे जा रहे हैं, जिससे वे इस प्रस्ताव को स्वीकार ना करें। 
इसलिए उठे थे सवाल 
दीनबंधु छोटूराम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मुरथल में सहायक प्राध्यापक की नियुक्ति एक नहीं अनेक बार उठे हैं। विदित हो कि विवि में सहायक प्राध्यापक की नियुक्ति प्रक्रिया उस समय संदेह के घेरे में गई थी जब जिस 15 जुलाई को आवेदन करने की अंतिम तिथि का टेस्ट संचालित किए जाने के बजाए उन उम्मीदवारों का टेस्ट लिया गया जिन्होंने 28 जुलाई को आवेदन किया था। यहां आरोप लगाया जा रहा है कि ऐसा राजनैतिक पृष्ठभूमि से जुड़े सीएम के खास व्यक्ति के परिवार को विशेष खुशी देने के लिए किया जा रहा है। यह आरोप इसलिए गंभीर बनता है क्योंकि संबंधित आवेदनकर्ता ने अपना वाइवा ही 25 जुलाई को पूरा किया था। हालांकि विवि के कुलपति आरपी दहिया का शुरुआत से ही कहना है कि विवि में नियमों के विरुद्ध कोई कार्य नहीं किया जा रहा। 
प्रशासकीय कारणों से प्लेसमेंट रद्द
दीनबंधु छोटूराम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मुरथल के भावी इंजीनियरों का अपने कैंपस में ही रोजगार पाने का सपना लगातार टूटता जा रहा है। एक वाहन निर्माता कंपनी द्वारा आयोजित किया जाना वाला कैंपस प्लेसमेंट को रद्द कर दिया गया है। यह साक्षात्कार 20 अक्टूबर को होना था। निराश विद्यार्थियों ने जब इस बारे में जानने का प्रयास किया तो उन्हें कोई संतोषजनक जवाब ही नहीं दे रहा है। विद्यार्थियों में बढ़ते विरोध के कारण अब विश्वविद्यालय के टीपीओ डाॅ. वीरेंद्र सिंह अहलावत की ओर से एक नोटिस जरूर निकाला गया है कि प्रशासनिक कारणों से कैंपस प्लेसमेंट प्रक्रिया को रद्द कर दिया गया है। वे कारण क्या हैं यह बताया नहीं जा रहा है। वहीं विवि के टीपीओ डॉ. वीरेन्द्र अहलावत ने बताया कि सभी परेशानी दूर हो गई है। कंपनी पांच नवंबर को कैंपस के लिए आएगी। कैंपस प्लेसमेंट अब पहले से बेहतर होगी।                                             db3112014

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