** लगभग साढ़े चार सौ हेडमास्टर को प्रोन्नत होकर बनना है प्रिंसिपल
चंडीगढ़ : प्रदेश के सरकारी स्कूलों में तैनात लेक्चरर दो बार प्रमोशन पाकर प्रिंसिपल के पद पर काबिज हो चुके हैं। हाई स्कूल हेडमास्टर्स का पदोन्नति कोटा भी भरा जाना है। स्कूलों में प्रमोशन कोटे के साढ़े चार सौ से अधिक प्रिंसिपल के पद खाली चल रहे हैं, लेकिन शिक्षा विभाग है कि बीते ढाई साल से हाई स्कूल हेडमास्टर की प्रिंसिपल पद पर प्रोन्नति ही नहीं कर रहा। हेडमास्टर व शिक्षक संगठन शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों के समक्ष कई बार गुहार लगा चुके हैं, बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई। आखिर मुख्याध्यापकों ने थक-हार के शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा के सामने दुखड़ा रोने का मन बनाया है। सोमवार को हरियाणा स्कूल मास्टर वर्ग एसोसिएशन के बैनर तले शिक्षा मंत्री से मुलाकात कर ये अपनी समस्याएं बताएंगे। शिक्षा मंत्री से हेडमास्टर स्कूलों में शिक्षा सुधार के नाम पर हो रहे बेतुके प्रयोग बंद करने की गुहार भी लगाने जा रहे हैं। हेडमास्टर इस बात से सबसे अधिक खफा हैं कि बीते ढाई सालों में उनकी एक बार भी प्रमोशन नहीं हुई, मगर लेक्चरर को दो बार पदोन्नत कर प्रिंसिपल बनाया गया। एसोसिएशन के संरक्षक सतपाल बूरा और राज्य प्रधान रमेश मलिक का कहना है कि प्रदेश में प्रिंसिपल के लगभग सोलह सौ पद हैं। इसमें 33 प्रतिशत प्रमोशन कोटे के अनुसार साढ़े चार सौ पद हाई स्कूल हेडमास्टर के बनते हैं। स्कूलों में प्रिंसिपल के ये पद खाली चल रहे हैं, बावजूद शिक्षा विभाग प्रमोशन की प्रक्रिया शुरू नहीं कर रहा। उन्होंने बताया कि शिक्षा मंत्री के समक्ष सारी सच्चाई तथ्य सहित बयां की जाएगी। इसके साथ ही शिक्षा का स्तर सुधारने और मौलिक स्कूल मुख्याध्यापकों को द्वितीय श्रेणी का दर्जा और आहरण एवं वितरण शक्तियां देने की मांग भी प्रतिनिधिमंडल करेगा। dj
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