चंडीगढ़ : आठवीं के विद्यार्थियों को भी आने वाले दिनों में बोर्ड की परीक्षाओं से गुजरना होगा। बिना पढ़े ही आठवीं पास करके नौवीं में पहुंचने वाले विद्यार्थियों को पढ़ाई और परीक्षाओं का महत्व समझाने के लिए केंद्र की सरकार यूपीए सरकार द्वारा लागू किए गए आरटीई (शिक्षा का अधिकार) कानून में बदलाव करने की तैयारी में है। केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड (सेंट्रल एजुकेशन एडवाइजरी बोर्ड) की सब-कमेटी द्वारा करीब वर्षभर पहले की गई सिफारिशों पर अब केंद्र की मोदी सरकार ने मंथन शुरू कर दिया है।
हरियाणा की शिक्षा मंत्री रही गीता भुक्कल इस सब-कमेटी की चेयरपर्सन थीं। यूपीए सरकार में केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री कपिल सिब्बल ने इस सब-कमेटी का गठन किया था। अब झज्जर से विधायक गीता भुक्कल का कहना है ‘मुझे खुशी होगी अगर केंद्र सरकार सब-कमेटी के सुझावों को लागू करती है’।
दरअसल, केंद्र की पूर्व सरकार ने मार्च-2010 में शिक्षा का अधिकार कानून लागू किया था। इस कानून में पहली से लेकर आठवीं तक के विद्यार्थियों के लिए नो-डिटेंशन (फेल नहीं करने की नीति) पॉलिसी लागू की गई थी। यानी आठवीं का बोर्ड भी इस कानून के लागू होने के बाद स्वत: ही टूट गया था। इसके लिए गीता भुक्कल की अध्यक्षता में सब-कमेटी बनाई गई थी। dt021214
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