चंडीगढ़ : सरकारी कर्मचारी आने वाले दिनों में मनोहर सरकार के लिए मुसीबत का सबब बनने वाले हैं। सेवानिवृत्ति आयु कम करने और पंजाब के समान वेतनमान न देने से खफा कर्मचारियों ने आंदोलन का बिगुल बजा दिया है। कर्मचारी जिला स्तरीय सम्मेलन कर जिला उपायुक्तों के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजेंगे। सर्व कर्मचारी संघ ने कोर कमेटी की बैठक में ये निर्णय लिया है।
संघ के बैनर तले कर्मचारी 2 दिसंबर को फरीदाबाद, रोहतक, अंबाला, सिरसा, 3 को पलवल, झज्जर, पंचकूला, फतेहाबाद, 9 को पानीपत, कुरुक्षेत्र, जींद, रेवाड़ी, 11 को कैथल, मेवात, हिसार, करनाल, 12 को गुड़गांव, सोनीपत, यमुनानगर, भिवानी व महेंद्रगढ़ जिलों में सम्मेलन करेंगे।
संघ के प्रांतीय प्रधान धर्मबीर फौगाट व महासचिव सुभाष लांबा ने बताया कि भाजपा सरकार चुनावी घोषणा पत्र में शामिल कर्मचारियांे की मांगों को लागू करने के बजाए पूर्व हुड्डा सरकार में लिए गए निर्णयों को भी वापस ले रही है। कर्मचारियों ने इसका विरोध करने का निर्णय लिया है। भाजपा अपने घोषणा पत्र में शामिल पंजाब के समान वेतनमान, गेस्ट टीचर्स सहित अन्य कर्मचारियों व सफाई कर्मचारियों को नियमित करने, 15 हजार रुपए न्यूनतम वेतनमान, ठेका प्रथा का पुनरावलोकन आदि वादों को पूरा करे।
कर्मचारियों की प्रमुख मांगें
- वेतन विसंगति निवारण आयोग का गठन
- कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु 60 वर्ष ही रहे
- पूर्व सरकार के कर्मचारी हित के निर्णय वापस न लें।
हेमसा ने भी खोला मोर्चा
हरियाणा एजुकेशन मिनिस्ट्रियल स्टाफ एसोसिएशन (हेमसा) के राज्य प्रधान संदीप सागवान व महासचिव सतीश सेठी ने भाजपा सरकार पर कर्मचारी विरोधी होने का आरोप लगाया है। सतीश सेठी ने कहा कि सरकार की वादाखिलाफी के विरोध में 14 दिसंबर को अंबाला, पंचकूला, यमुनानगर व करनाल, 15 जनवरी को कुरुक्षेत्र, कैथल, पानीपत, हिसार, फतेहाबाद तथा सिरसा, फरवरी में भिवानी, जींद, सोनीपत, रोहतक, झच्चर व रेवाड़ी, 15 मार्च को महेंद्रगढ़, फरीदाबाद, गुड़गांव, पलवल व मेवात में जिला स्तर पर प्रदर्शन कर जिला शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा जाएगा। 11 व 12 अप्रैल को सिरसा में प्रदेश स्तरीय सम्मेलन कर कर्मचारी संघर्ष को और तेज करेंगे। dj
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