चंडीगढ़ : पंजाब के समान वेतनमान को लेकर सरकारी कर्मचारियों के साथ बातचीत के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल राजी नहीं हैं। मुख्यमंत्री ने विवाद से पल्ला झाड़ते हुए वित्तमंत्री कैप्टन अभिमन्यु को वार्ता के लिए अधिकृत कर दिया है। इसके साथ ही कर्मचारियों को संतुष्ट करने की जिम्मेदारी अब कैप्टन के कंधों पर आ गई है।
मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कर्मचारी संगठनों ने पंजाब के समान वेतनमान पर बैठक के लिए समय मांगा था। मनोहर लाल ने कर्मियों को समय तो नहीं दिया, लेकिन वार्ता के लिए मंच तैयार कर दिया है। कर्मचारी पंजाब के समान वेतनमान को लेकर किसी समझौते को तैयार नहीं हैं, जबकि वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु को उन्हें इसके लिए राजी करना होगी। पंजाब के समान वेतनमान हालांकि भाजपा के चुनाव घोषणापत्र में है। बावजूद इसके प्रदेश सरकार ने वित्तीय स्थिति खराब होने का हवाला देते हुए अभी इसे देने के लिए हाथ खड़े कर दिए हैं। इससे कर्मचारियों में निराशा का माहौल है। मुख्यमंत्री ने तो खुद इस मामले से किनारा कर कैप्टन को मुश्किल को फंसा दिया है, मगर देखने वाली बात ये होगी कि कर्मचारी वित्त मंत्री से वार्ता को तैयार होते हैं या नहीं।
राजनीतिक व संसदीय कार्य विभाग ने वित्त मंत्री को भेजा पत्र :
हरियाणा मिनिस्ट्रीयल स्टाफ एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री को पंजाब के समान वेतनमान लागू करने के लिए 5 नवंबर को पत्र लिखकर बातचीत के लिए समय भी मांगा था। एसोसिएशन के महासचिव सतीश सेठी ने बताया कि मुख्यमंत्री स्वयं वार्ता के लिए तैयार नहीं हैं। उन्होंने वित्त मंत्री को आगे कर दिया है। सरकार के राजनीतिक एवं संसदीय कार्य विभाग ने एसोसिएशन को सूचित किया है कि बातचीत के लिए वित्त मंत्री कार्यालय से संपर्क करें। वित्त मंत्री को डाक व ई-मेल से बैठक के लिए समय व स्थान तय करने का पत्र भेजा जा चुका है। dj
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