चंडीगढ़ : पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में दाखिल जवाब में हरियाणा सरकार ने कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु 58 वर्ष करने के अपने फैसले को उचित ठहराया है।
हाईकोर्ट में दाखिल हलफनामा में सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव डी सुरेश ने बताया कि सेवानिवृत्ति आयु 58 साल करने का सरकार निर्णय उचित और कानून सम्मत है। जवाब में कहा गया है कि सरकार ने अगस्त में जारी अपने आदेश को ही बदला है इसमें कुछ गलत नहीं है। वर्तमान सरकार पूर्व सरकार द्वारा जारी आदेश की समीक्षा कर रही है और यह निर्णय भी उसी पर आधारित है।
सरकार के इस जवाब को रिकॉर्ड पर रखते हुए जस्टिस टीएस ढिढसा ने सरकार को इसी विषय पर जारी अन्य याचिकाओं में भी जवाब दायर करने का आदेश देते हुए अंतिम बहस के लिए सुनवाई 18 दिसंबर तक स्थगित कर दी। हरियाणा सचिवालय में कार्यरत बलजीत कौर व अन्य कर्मचारियों द्वारा दायर याचिका में हरियाणा सरकार द्वारा 25 नवंबर को लिए गए निर्णय को रद करने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि वर्तमान सरकार का यह निर्णय राजनैतिक भावना से लिया गया है। सरकार ने 25 नवंबर को मंत्रिमंडल बैठक में निर्णय लिया था कि नई भर्ती के समय उम्मीदवार की अधिकतम आयु सीमा 42 वर्ष ही रहेगी जबकि कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु 58 वर्ष रहेगी। ग्रुप डी, विकलांग व नेत्रहीन कर्मचारियों के मामले में आयु 60 वर्ष करने का निर्णय लिया गया है। यह निर्णय गत 30 नवंबर से लागू किया गया और न ही उनको हटाने से पूर्व कोई नोटिस दिया जा रहा है।
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि हरियाणा के सभी आइएएस, न्यायिक अधिकारी व सरकारी सहायता प्राप्त कालेजों के शिक्षक की सेवानिवृत्ति आयु 60 साल है। अगस्त माह में हरियाणा कर्मचारी यूनियन से बैठक के बाद हरियाणा सरकार ने 26 अगस्त को सभी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु 60 साल कर दी थी। लेकिन वर्तमान सरकार ने इसे बदल दिया। याचिकाकर्ता ने सरकार के इस निर्णय पर रोक की मांग की थी। dj
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