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Tuesday, 9 December 2014

हालात बिगड़ते देख होम एग्जाम किये खत्म

** मौजूदा परीक्षा प्रणाली में भी होगा बदलाव 
** 2008-09 के सत्र से जारी है घरेलू परीक्षा, अगले सत्र से बोर्ड एग्जाम होंगे शुरू 
सोनीपत : कोशिश यहां विद्यार्थियों के दिमाग से बोर्ड एग्जाम का हौवा खत्म करने की थी, उस पर तो कोई असर पड़ा नहीं, लेकिन पढ़ाई के प्रति गंभीरता विद्यार्थियों से लेकर शिक्षकों के दिमाग से भी खत्म हो गई। 
 यही कारण है कि सीबीएसई ने हालात को और बिगड़ने से बचाने के लिए घरेलू परीक्षा को खत्म करने की तैयारी की है। नई व्यवस्था के मुताबिक आगामी शैक्षणिक सत्र से बाेर्ड एग्जाम ही संचालित होंगे। मौजूदा सत्र में भी परीक्षा प्रणाली में बदलाव किया जा रहा है। सीबीएसई की ओर कक्षा दसवीं से बोर्ड परीक्षा को वर्ष 2008-9 के सत्र के बाद से बंद कर दिया गया था। अभी विद्यार्थियों के पास विकल्प थे कि वे बोर्ड एग्जाम में हिस्सा ले अथवा घरेलू एग्जाम में। 
स्कूल की मनमानी पर भी लगेगी रोक
बोर्ड को इस बाबत काफी शिकायतें मिल रहीं थीं कि स्कूलों द्वारा होम एग्जाम की आड़ में मनमानी की जा रही है। जहां छात्रों के नंबर स्कूल शिक्षकों के हाथ में ही होते हैं। छात्रों का परीक्षा परिणाम स्कूल बोर्ड परीक्षा परिणाम से पहले ही तैयार कर लेते हैं। 31 मार्च से पहले स्कूल दसवीं और बारहवीं का परीक्षा परिणाम छोड़ सभी कक्षाओं का परीक्षा परिणाम जारी करते हैं। इसके बाद दसवीं में पढ़ने वाले छात्रों के अभिभावकों को बुलाकर साइंस और कॉमर्स स्ट्रीम देने के नाम पर मनमानी चलती थी। सबसे परेशानी वाली बात यह है कि दसवीं पास करने वाले छात्रों को उत्तीर्ण प्रतिशत तो बढ़ गया है, लेकिन शिक्षा की गुणवत्ता में कमी आई है। 
परीक्षा शिक्षा की गुणवत्ता के लिए जरूरी 
" परीक्षा का असर मानसिकता से जुड़ा है। हम दबाव में काम करने के आदी हैं। अभी परीक्षा को लेकर दबाव नहीं है तो विद्यार्थी बेफ्रिक हैं, जो भविष्य के लिए सही संकेत नहीं है। बोर्ड एग्जाम शिक्षा की गुणवत्ता के लिए जरूरी है। संभव हो तो कक्षा आठवीं में भी बोर्ड एग्जाम हो। जिससे बेस मजबूत होगा।'' --एसकेशर्मा, निदेशक,ऋषिकुल विद्यापीठ। 
स्टूडेंट्स होने लगे हैं केयरलेस 
"होम एग्जाम को लेकर स्टूडेंट्स सीरियस नहीं हैं। वे केयरलेस हो रहे हैं। दसवीं में वे जुगाड़ सिस्टम को अपनाते हैं, जिसका असर उनकी आने वाली पढ़ाई पर पड़ता है। बोर्ड एग्जाम से पढ़ाई के प्रति टीचर की भी संजीदगी बढ़ेगी।''--सोनी रूद्धा,प्रिंसिपल,हिंदू विद्यापीठ। 
'सीबीएसई की ओर से कक्षा दसवीं से घरेलू एग्जाम को अब खत्म किया जा रहा है। अभिभावकों की ओर से इसे लेकर एचआरडी मिनिस्टर को भी पत्र लिखा गया है। मौजूदा सत्र में भी बदलाव किया जा रहा है।'' --एमसीशर्मा, परीक्षानियंत्रक, सीबीएसई। 
रिजल्ट एक साथ मिलेगा
10वीं के बोर्ड एग्जाम और स्कूल बेस्ड एग्जाम का रिजल्ट मई में एक साथ जारी किया जाएगा। सभी स्टूडेंट्स को बोर्ड की ओर से यूनिफॉर्म सर्टिफिकेट जारी होगा। स्कूल में होने वाले एसए-2 की ग्रेड स्कूलों को सीबीएसई के पास भेजनी होगी और फिर सीबीएसई हर स्टूडेंट के नाम का सर्टिफिकेट तैयार करेगा और उसमें उसका रिजल्ट होगा। सीबीएसई ने स्कूलों से कहा है कि किसी भी हालत में स्टूडेंट्स को एसए 2 के मार्क्स नहीं बताए जाने चाहिए। 
बोर्ड एग्जाम से पहले की तकनीक 
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने 10वीं क्लास के स्कूल बेस्ड एग्जाम यानी सेमेटिव असेसमेंट (एसए-2) की स्कीम को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं। जिस तरह से बोर्ड एग्जाम में स्टूडेंट्स को पेपर शुरू होने के 15 मिनट पहले क्वेश्चन पेपर पढ़ने के लिए दिया जाता है, उसी तरह से स्कूल बेस्ड एग्जाम में भी यही नियम फॉलो किया जाए। जिस तरह से बोर्ड एग्जाम 10-30 बजे से शुरू हो जाते हैं, उसी तरह से स्कूलों में भी 10वीं के एग्जाम इसी समय शुरू हों। समय सीमा को लेकर भी बोर्ड का पैटर्न लागू होगा। स्कूल एग्ाम को सिलेक्ट करने वाले स्टूडेंट्स का पेपर भी तीन घंटे का ही होना चाहिए। इससे पहले बोर्ड ने निर्देश दिया था कि स्कूलों में 10वीं के एग्जाम 15 से 30 मार्च के बीच हों। 15 मार्च तक 10वीं के बोर्ड एग्जाम खत्म हो जाएंगे। यह भी तय हुआ है कि जिस सब्जेक्ट का पेपर है, उस सब्जेक्ट के टीचर को उस दिन एग्जाम ड्यूटी नहीं सौंपी जानी चाहिए।                                       db

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