भिवानी : हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड में बोगस एसएलसी (स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट) मामले में शिक्षा बोर्ड द्वारा दसवीं के 3125 परीक्षार्थियों का रिजल्ट रद्द कर दिया है। जल्द ही अब फैसले का नोटिफिकेशन जारी हो जाएगा। साथ ही अब अगर भविष्य में ऐसा कोई मामला सामने आता है तो परीक्षार्थियों को ओपन स्कूल में मर्ज किए जाने की बजाय पहले ही परीक्षार्थियों की उम्मीदवारी रद्द कर दी जाएगी।
गौरतलब है कि इन बच्चों का मामला पहले ही तत्कालीन बोर्ड अधिकारियों के संज्ञान में था, मगर उन्हें राहत देते हुए इन्हें ओपन स्कूल में मर्ज कर दिया गया था। मगर अब बोर्ड सचिव ने पूरे मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए फैसले को ही पलट दिया व उन परीक्षार्थियों के परिणाम को ही रद्द कर दिया है।
प्रभावित बच्चे प्रदेश के 450 स्कूलों के हैं और ज्यादातर पलवल, फरीदाबाद जिलों से हैं। पिछले शैक्षणिक सत्र में दसवीं कक्षा में रेगुलर विद्यार्थी के तौर पर इन विद्यार्थियों के आवेदन शिक्षा बोर्ड आए थे, बाद में इनके एसएलसी बोगस पाए गए। ये सर्टिफिकेट उत्तर प्रदेश के विभिन्न स्कूलों की ओर से जारी हुए थे। इस मामले में उस वक्त नया मोड़ आ गया, जब बोर्ड ने अपने पूर्ववर्ती फैसले को पलटते हुए इन बच्चों को राहत देने के निर्णय को अनुमोदित करने से इनकार कर दिया और उक्त विद्यार्थियों का रिजल्ट निरस्त कर दिया। शिक्षा बोर्ड ने पूर्व में लिये गए निर्णय की पुष्टि नहीं की, इसलिए सभी 3125 परीक्षार्थियों का रिजल्ट रद्द (क्वेश) करने का निर्णय लिया गया है।
क्या कहते हैं बोर्ड सचिव
बोर्ड सचिव पंकज ने रिजल्ट रद्द करने के निर्णय की पुष्टि करते हुए बताया कि एसएलसी में गड़बड़ी मिलने की वजह से ये निर्णय लिया गया है। बोर्ड सचिव का कहना है कि आने वाले दिनों में ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति न हो इसके मद्देनजर अब बोर्ड पहले ही अलर्ट रहेगा व ऐसे मामले सामने आने पर परीक्षार्थियों को रियायत देने यानी ओपन स्कूल में मर्ज करने की बजाय पहले ही कार्रवाई अमल में लाएगा। dt
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