चंडीगढ़ : प्रदेश के सरकारी स्कूलों में नियमों को ताक पर रखकर नियुक्ति पाने वाले गेस्ट टीचर्स पर गाज गिरने का सिलसिला जारी है। स्कूल शिक्षा विभाग ने पॉलिसी और विभागीय निर्देशों का उल्लंघन कर नियुक्त हुए 325 गेस्ट टीचरों की सेवाएं तत्काल प्रभाव से खत्म कर दी हैं। नौकरी गंवाने वाले अध्यापकों में से 167 अकेले मेवात से हैं। स्कूल शिक्षा विभाग के महानिदेशक ने सभी जिला एवं मौलिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजकर जल्द शिक्षकों की सेवाएं समाप्त करने की रिपोर्ट मांगी है।
विभाग इससे पहले 193 गेस्ट टीचरो को हटा चुका है। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने बिजेंद्र कुमार की याचिका संख्या 3990/2012 का निपटारा करते हुए प्रदेश सरकार को 719 अतिथि अध्यापकों को हटाने के निर्देश दिए थे। बिजेंद्र ने इनकी नियुक्ति को अवैध ठहराते हुए याचिका दायर की थी। हाई कोर्ट के आदेश पर सरकार ने मामले की जांच कराई, जिसमें सभी को नियमों का उल्लंघन करने का दोषी पाया गया।
स्कूल शिक्षा विभाग के महानिदेशक एमएल कौशिक की ओर से जारी सेवाएं समाप्त करने के पत्र में बताया गया है कि शिक्षकों ने नियुक्ति पाने के लिए विभाग की आंखों में धूल झोंकी थी। विभाग की ओर से गेस्ट टीचर्स का रिकॉर्ड जांचने के लिए गठित की गई चारों समितियों की जांच रिपोर्ट में भी ये बात पुख्ता हो चुकी है। जांच के दौरान टीचर्स के दस्तावेजों में गड़बड़ी पाई गई थी। विभाग ने शिक्षकों के दोषी पाए जाने और विभागीय नियम एवं शर्तो का उल्लंघन पर गेस्ट टीचर्स को बर्खास्त किया है। dj
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