भिवानी : हरियाणा मौलिक शिक्षा निदेशालय ने जेबीटी टीचरों की रेशनेलाइजेशन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। अकेले भिवानी जिले में जेबीटी टीचरों के पदों का वैज्ञानिकीकरण किए जाने की प्रक्रिया से 250 जेबीटी टीचरों के पद समाप्त होंगे। इतना ही नहीं जिले भर के 35 प्राइमरी स्कूलों में एक भी बच्चा दाखिल नहीं होने की वजह से इनके अस्तित्व को ही खत्म कर दिया गया है। अब ये प्राइमरी स्कूल दूसरे स्कूलों में मर्ज होंगे।
रेशनेलाइजेशन की वजह से जिले भर में 166 जेबीटी टीचर इधर से उधर किए जाएंगे। विभागीय सूत्रों की मानें तो जिन स्कूलों में छात्र संख्या संतोषजनक नहीं है, उन पर भी अब संकट के बादल मंडराने लगे हैं। रेशनेलाइजेशन की प्रक्रिया में कई ऐसे तथ्य भी सामने आए हैं कि आज भी दर्जनों सरकारी स्कूलों में केवल एक से लेकर केवल दस विद्यार्थियों का ही दाखिला हुआ है। रेशनेलाइजेशन प्रक्रिया के तहत जिला के 35 प्राइमरी स्कूलों की पहचान की गई हैं, जिनमें कोई भी छात्र दाखिल नहीं है। इन स्कूलों को नजदीकी प्राइमरी या फिर अपर प्राइमरी स्कूलों में मर्ज कर दिया जाएगा।
जिले में पहले 2730 जेबीटी टीचरों के पद स्वीकृत थे, लेकिन अब रेशनेलाइजेशन के बाद 2492 जेबीटी शिक्षकों के पद ही रह जाएंगे। छात्र संख्या के हिसाब से टीचरों के पदों का वैज्ञानिकीकरण करने की प्रक्रिया में 258 पद समाप्त हो जाएंगे। रेशनेलाइजेशन के अंतर्गत जिले के 673 राजकीय प्राथमिक विद्यालयों को शामिल किया गया है। इसमें 69 हजार 128 विद्यार्थियों के अनुरूप टीचरों के पदों का वैज्ञानिकीकरण किया गया है। इस प्रक्रिया में 166 जेबीटी टीचरों को एक विद्यालय से दूसरे विद्यालय में पद सहित भेजा जाएगा। डीपीईओ सतबीर सिंह सिवाच ने बताया कि सभी प्राइमरी स्कूलों से आंकड़े इकट्ठे किए गए हैं। इस संबंध में अनिदेशालय से नई गाइडलाइन आएंगी। उसी के अनुरूप रेशनेलाइजेशन की प्रक्रिया होगी।
ये होगी रेशनेलाइजेशन के तहत स्कूलों में छात्रों टीचरों की स्थिति
एक से 20 छात्र तक एक टीचर
21 से 60 छात्र तक दो टीचर
61 से 90 छात्र तक तीन टीचर
91 से 120 छात्र तक चार टीचर
121 से 200 छात्र तक पांच टीचर
201 से 240 छात्र तक छह टीचर
इसके अलावा प्रति 40 बच्चों की संख्या पर एक अतिरिक्त टीचर नियुक्त होगा।
62 गेस्ट टीचरों की नियुक्ति पर भी संकट
रेशनेलाइजेशन प्रक्रिया में जिले भर में केवल 20 जेबीटी गेस्ट टीचर ही सरकारी स्कूलों में समायोजित हो पाएंगे। जबकि 62 गेस्ट टीचरों की नियुक्ति पर संकट के बादल मंडरा जाएंगे। इन अनुबंधित अध्यापकों को या तो दूसरे जिले में रुख करना पड़ेगा या फिर घर बैठना होगा।
क्या है रेशनेलाइजेशन
आरटीईके अंगर्तत प्रति वर्ष सरकारी स्कूलों में छात्र संख्या के आधार पर पदों का वैज्ञानिकीकरण(रेशनेलाइजेशन) किया जाता है। एक ही अनुपात में सभी सरकारी स्कूलों में टीचरों की स्थिति छात्रों के अनुसार की जाती है
इन स्कूलों में हैं दो से लेकर बीस ही बच्चे
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