** यूनेस्को ने 21 फरवरी को अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस घोषित किया हुआ है
नई दिल्ली : देशभर के स्कूलों में अब बच्चों के कम्यूनिकेशन स्किल को बढ़ाने के लिए उनके सुनने, बोलने, पढ़ने व लिखने की गतिविधियों पर जोर रहेगा। खासकर अपनी मातृभाषा के प्रति प्रेम बढ़ाने के लिए मातृभाषा में बोलने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। सीबीएसई ने स्कूलों में 21 फरवरी को मातृभाषा दिवस के रूप में मनाने के निर्देश दिए हैं। इसके तहत स्कूलों को भाषा महोत्सव का आयोजन कराना है।
सीबीएसई का मानना है कि राष्ट्र के विकास के लिए मातृभाषा व अन्य भारतीय भाषाओं का अधिक से अधिक प्रयोग की जागरूकता बढ़ाई जाए। साथ ही एक अन्य भारतीय भाषा सीखने के लिए प्रोत्साहित किया जाना जरूरी है। इसके लिए मातृभाषा दिवस 21 फरवरी को मनाने का निर्णय किया गया है। यूनेस्को ने 21 फरवरी को अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस घोषित किया हुआ है। ऐसे में सीबीएसई ने स्कूल प्राचार्यों को कहा है कि महोत्सव के अंतर्गत अन्य भारतीय भाषाओं व मातृभाषा में समूह गीत, वाद-विवाद, रचनात्मक लेखन प्रतियोगिताएं कराएं।
लिखने व बोलने के लिए केवल मातृभाषा के इस्तेमाल को प्रोत्साहित करने को कहा है, जिसमें कोई शब्द अन्य भाषाओं से न हों। प्रत्येक छात्र को इस बात के लिए प्रोत्साहित किया जाए कि वह कम से कम कुछ शब्द किसी नई भारतीय भाषा में जरूर बोले। इन सबसे छात्रों को लाभ यह होगा कि न केवल उनके कम्यूनिकेशन स्किल को बढ़ावा मिलेगा बल्कि अन्य भारतीय भाषाओं को भी सीखने का अवसर मिल सकेगा। स्कूलों को संबंधित गतिविधियों को साल भर चलाना होगा। इन सबकी रिपोर्ट सीबीएसई तक 2 मार्च तक वीडियो क्लिप व फोटोग्राफ के साथ भेजनी होगी। au
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