सिरसा : राजकीय स्कूलों में मिड-डे मील (मध्याह्न भोजन योजना) विद्यार्थियों को गुणवत्ता से भरपूर मिल रहा है या नहीं। मिड डे-मील की गुणवत्ता अब फोटो बयान करेगी। स्कूलों में बनने वाले मिड डे-मील विद्यार्थियों को खिलाने के साथ प्रतिदिन फोटो भी अधिकारियों को भेजनी जरूरी होगी। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने राजकीय स्कूलों में मिड-डे मील की प्रतिदिन फोटो भी जारी करने के निर्देश जारी किए हैं।
बता दें कि राजकीय स्कूलों में पहली से आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों को दोपहर में मिड-डे मील खिलाया जाता है। जिसके तहत सप्ताह में अलग-अलग दिन व्यंजन परोसा जाता है। राजकीय स्कूलों मे मिड डे मील किसी भी दिन कोई भी व्यंजन बनाया जाता है। लेकिन कोई भी व्यंजन सप्ताह में दो बार नहीं बनाया जाना चाहिए। स्कूलों में मिड डे मील स्वयं सहायता समूह की सदस्य व्यंजन स्कूल मुखिया की देख रेख में तैयार करना होता है। स्कूलों में मिड-डे मिल की गुणवत्ता पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता है। वहीं कई स्कूलों में प्रतिदिन व्यंजन भी लगातार एक ही बनाया जाता है। जिससे विद्यार्थियों को मिड डे मील गुणवत्ता योग्य नहीं मिल रहा है। जबकि स्कूलों में विद्यार्थियों को फर्श पर ही मिड-डे मिल परोसा दिया जाता है।
स्कूल इंचार्जों को ये दुविधा
राजकीय प्राथमिक राजकीय मिडिल स्कूलों इंटरनेट की सुविधा नहीं है। विभाग ने मिड-डे मील की फोटो भेजनी जरूरी होगी। विभाग ने फोटो खिंचवाने भेजने का कोई बजट निर्धारित नहीं किया है। स्कूल इंचार्जों इस दुविधा में हैं कि मिड-डे मील की फोटो उसको भेजने का चार्ज को कौन देगा। मिड-डे मिल के इंचार्ज रामकुमार ने कहा कि स्कूलों में बनने वाले मिड डे मील की फोटो भी भेजनी जरूरी होगी। जिससे पता लगेगा कि स्कूल में मिड-डे मिल में क्या बनाया है।
हर रोज भेजनी होगी फोटो
स्कूलों में प्रतिदिन मिड-डे मिल की स्कूल इंचार्जों को फोटो जारी करनी होगी। जिसमें मिड-डे मिल में क्या बनाया है। स्कूल इंचार्ज इसकी फोटो खंड शिक्षा अधिकारी जिला शिक्षा अधिकारी को भेजी जाएगी। इसके बाद अधिकारी इसकी फोटो उच्च अधिकारियों को जारी करेंगे। db
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