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Thursday, 5 February 2015

साइंस, कॉमर्स के अलावा एक नयी स्ट्रीम भी हो

गोहाना : आर्ट्स, कॉमर्स और साइंस के साथ एक इंटर-स्ट्रीम हो जिसमें विद्यार्थियों को अपनी मर्जी का कोई भी विषय पढ़ने की छूट हो। बुधवार को यह मांग हरियाणा गवर्नमेंट काॅलेज टीचर्स एसोसिएशन (एचजीसीटीए) के प्रदेश प्रवक्ता पवन लठवाल ने की। लठवाल ने कहा कि कोई भी विषय जबरन थोपा नहीं जाना चाहिए।
पवन लठवाल गवर्नमेंट पीजी काॅलेज में वरिष्ठ प्राध्यापक आईएस महला और डाॅ. आरएमएस मलिक के साथ पत्रकारों से रू-ब-रू हुए। प्रवक्ता ने कहा कि वर्तमान शिक्षा ढांचा विद्यार्थियों का रुचि का सम्मान नहीं करता, बल्कि उन पर विषय जबरन लादता है, भले ही उन विषयों में उनकी दिलचस्पी हो या न हो।
लठवाल ने कहा कि सरकार को नई शिक्षा नीति इतनी उदार और लचीली बनानी चाहिए कि एक भी विषय अनिवार्य न हो, सब के सब विषय स्वैच्छिक हों और बच्चा अपनी मर्जी से उन विषयों का चयन कर सके, जिन्हें वह पढ़ना चाहता है। कॉमर्स का छात्र यदि केमिस्ट्री लेना चाहे तो उसे रोका
न जाए।
इसी तरह से इकोनॉमिक्स के साथ फिजिक्स पढ़ने सहित किसी इच्छा का गला न घोटा जाए।
एचजीसीटीए के प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि कक्षा 10 के बाद ही आर्ट्स, साइंस और कॉमर्स के साथ चौथी स्ट्रीम का श्रीगणेश हो जाना चाहिए, जो इंटर-स्ट्रीम हो। इससे खालिस आर्ट्स, साइंस या कॉमर्स को पूरी तरह से पढ़ने की बाध्यता खत्म हो जाएगी और अपनी मनमर्जी के विभिन्न विषय मिलने से विद्यार्थी अपेक्षाकृत रूप से मन लगाकर पढ़ेंगे, जिससे उनके अंक भी अच्छे आएंगे।                                            dt

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