चंडीगढ़ : हरियाणा में 13 साल से नौकरी कर रहे चौटाला सरकार के समय भर्ती 2862 जेबीटी शिक्षक फिलहाल नौकरी से नहीं निकाले जा रहे हैं। प्रदेश सरकार ने इन्हें नौकरी में बनाए रखते हुए पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट से एक माह का समय मांगा है। कहा गया कि सरकार इस मामले में कानूनी राय ले रही है। इस पर जस्टिस जसबीर सिंह व जस्टिस एचएस सिद्धू की खंडपीठ ने सरकार को एक माह का समय देते हुए 4 मार्च के लिए मामले पर अगली सुनवाई तय की है।
नौकरी कर रहे शिक्षकों की तरफ से याचिका दायर कर कहा गया कि उन्हें नौकरी में बने रहने दिया जाए। उम्मीदवारों के स्तर पर भर्ती में अनियमितताओं की कोई शिकायत नहीं है। इससे पहले 8 जनवरी को हाईकोर्ट के जस्टिस के कण्णन ने भर्ती पर दिए फैसले में कहा था कि मेधावी उम्मीदवारों को नियुक्ति न देना यह दर्शाता है कि नियुक्ति प्रक्रिया में खामियां रही। कुल 3206 जेबीटी शिक्षकों को नियुक्ति दी गई थी। इनमें से 221 ऐसे उम्मीदवार थे जिनके माक्र्स कम किए गए। बावजूद इसके मेरिट सूची में इन उम्मीदवारों ने जगह बनाई और इनका चयन हो गया। हाईकोर्ट ने कहा कि ये उम्मीदवार नौकरी में बने रहने के हकदार हैं।
इनके अलावा 123 ऐसे उम्मीदवार हैं जिनका नाम चयन के लिए तैयार की गई दोनों सूचियों में था।
भर्ती में असफल रहे उम्मीदवारों की तरफ से अलग अलग 80 याचिकाएं दायर की गई थी। याचिका में कहा गया कि उन सभी का चयन डिस्ट्रिक्ट लेवल कमेटियों द्वारा तैयार की गई पहली लिस्ट में किया गया था। बाद में उस समय के मुख्यमंत्री के प्रभाव में सिलेक्शन लिस्ट में बदलाव कर दिया गया और उनका चयन नहीं किया गया। db
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