चंडीगढ़ : चुनाव आचार संहिता के बहाने शिक्षा विभाग की प्रिंसिपल सेक्रेटरी सुरीना राजन के कार्यालय में दबी नियम 134-ए की फाइल अब मंजूरी के लिए चुनाव आयोग के पास भेजी गई है। बुधवार को शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल ने फाइल को आगे बढ़ाया। आयोग से मंजूरी मिलने के बाद ही तय होगा कि प्राइवेट स्कूलों में शिक्षा नियमावली की इस धारा के तहत गरीब बच्चों को दाखिले में 10 प्रतिशत कोटा कब तक मिलेगा।
दूसरी ओर प्रदेशभर में ज्यादातर प्राइवेट स्कूल अपने दाखिले क्लोज करने की तैयारी में हैं। अभिभावकों का कहना है कि शिक्षा विभाग यदि यूं ही ढीली रफ्तार से चलता रहा तो जाने कब बच्चों का दाखिला होगा और कब उनकी पढ़ाई शुरू होगी। इस बार 134-ए नियम के तहत शिक्षा विभाग के पास करीब 40 हजार आवेदन आए हैं। ऐसे में जो बच्चे इस नियम के तहत निशुल्क दाखिले नहीं ले पाएंगे, उनका क्या होगा? अभिभावकों का कहना है कि स्कूलों को ड्रॉ निकाल लेना चाहिए। पहले ही विभाग इस मामले में देर कर रहा है। ड्रॉ निकल जाए तो उन्हें पता चल जाएगा कि वे नियम 134-ए के तहत आते हैं या नहीं।
दो जमा पांच मुद्दे जनआंदोलन के संयोजक सतबीर हुड्डा शिक्षा विभाग की देरी पर रोष जताते हैं। उनका कहना है कि शिक्षा विभाग चाहता ही नहीं कि गरीब बच्चों को निजी स्कूलों में १० फीसदी सीटों पर निशुल्क दाखिला मिले। इसके चलते ही मामला लटकाया जा रहा है।
मंत्री ने कहा - परमिशन मिलते ही निकाल देंगे ड्रॉ
"एक बार बस चुनाव आयोग से इजाजत मिल जाए। इसके बाद ड्रॉ निकाल कर आगे की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। बच्चों को उनका वाजिब हक देने के लिए विभाग गंभीर है। चुनाव की वजह से अधिकारी चुनाव ड्यूटी में व्यस्त हो गए हैं। इसके चलते ही ड्रॉ निकालने में देरी हो रही है।"--गीता भुक्कल, शिक्षा मंत्री db
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