** पंजाब यूनिवर्सिटी के रिटायर टीचर्स ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बनाया आधार
चंडीगढ़ : रिटायरमेंट एज 65 साल करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट के हाल ही में आए क्लैरिफिकेशन को आधार बनाते हुए पीयू के दो टीचर्स ने दावा किया है कि वह रिटायर नहीं हुए हैं। इसके लिए उन्होंने पीयू ईवनिंग स्टडीज डिपार्टमेंट के चेयरपर्सन को ज्वाइनिंग रिपोर्ट तक दे दी है। यह रिपोर्ट चेयरपर्सन ने डीयूआई को फॉरवर्ड की है। 60 साल की उम्र में प्रो. विजय चोपड़ा करीब एक साल पहले रिटायर हुए थे, जबकि प्रो. एनके सहगल उनसे भी पहले रिटायर हो चुके हैं। इन दोनों ने वीरवार को ज्वाइनिंग रिपोर्ट देकर कहा कि उन्हें ज्वाइन कराया जाए। वीरवार को हुई पीयू टीचर्स एसोसिएशन की मीटिंग में भी रिटायरमेंट एज 65 साल करने का रेसॉल्यूशन पास किया गया है। प्रो. चोपड़ा ने पहले ही पीयू को लिखा था कि उनकी रिटायरमेंट को रद्द करते हुए उन्हें प्रशासकीय पद दिए जाएं।
यह था सुप्रीम कोर्ट का डिसीजन:
यह था सुप्रीम कोर्ट का डिसीजन:
2013 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और मध्य प्रदेश ने मिनिस्ट्री ऑफ ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट की ओर से तय की गई गाइडलाइंस को यूजीसी गाइडलाइंस 2010 बनने से पहले ही अपना लिया था। इस स्कीम में उन्हें एरियर की 80 फीसदी राशि केंद्र सरकार से मिलनी थी। इसलिए इन राज्यों को कम्पोजिट स्कीम अपनानी होगी।
"मेरे पास प्रो. चोपड़ा और प्रो. सहगल की रिपोर्ट आई थी। इसमें मैने आगे डीन यूनिवर्सिटी इंस्ट्रक्शन (डीयूआई) को फॉरवर्ड कर दिया है।"--प्रो. केशव मल्होत्रा, चेयरपर्सन, ईवनिंग डिपार्टमेंट
"कुछ टीचर्स के ज्वाइनिंग रिपोर्ट देने की जानकारी मिली है। मैंने इसे देखा नहीं है। यूनिवर्सिटी का हर नियम एमएचआरडी से मंजूर होता है। हम पहले भी सीनेट से ये रेसॉल्यूशन पास करवा कर एमएचआरडी को भेज चुके हैं। इन रिपोट्र्स के संबंध में कोई बात करना संभव नहीं होगा।"--प्रो. एके भंडारी, डीयूआई, पीयू
"आदेश में स्पष्ट है कि पांच राज्यों में कंपोजिट स्कीम लागू होगी। इनमें पंजाब भी है। पीयू विशेष दर्जे के बावजूद स्टेट यूनिवर्सिटी है। जब कोर्ट से स्पष्ट कर चुका है कि 65 साल की रिटायरमेंट एज पंजाब में होनी है तो पीयू को हमारी रिटायरमेंट वापस लेनी चाहिए।"--प्रो. विजय चोपड़ा
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