सरकारी मान्यता के नाम पर भ्रमित करने वाले स्कूल संचालकों पर शिकंजा कसने वाला है। कुछ स्कूल मान्यता की सीमा से बाहर पढ़ाई करवा रहे हैं। अभिभावकों को एडमिशन के वक्त कुछ बताया नहीं जाता। इस पर बाद में अभिभावक खुद को ठगा महसूस करते हैं। अब विभाग ने फैसला लिया है कि हर संचालक अपनी मान्यता का ब्योरा स्कूल के बाहर बोर्ड पर लिखेंगे। बोर्ड पर यह भी लिखना होगा कि स्कूल कौन सी कक्षा तक मान्य है। यदि झूठा विवरण दिया तो स्कूल संचालकों पर कार्रवाई होगी।
दरअसल, इन दिनों स्कूलों में एडमिशन चल रहे हैं। कई स्कूल ऐसे हैं, जिनकी मान्यता आठवीं तक है, लेकिन कक्षा दसवीं तक लगा रहे हैं। इसी तरह दसवीं की मान्यता वालों स्कूलों में बारहवीं की पढ़ाई हो रही है। ऐसी कक्षाएं सिर्फ अनाधिकृत रूप से संचालित होती हैं। उन बच्चों के नाम दूसरे स्कूलों में दर्ज करा दिए जाते हैं। इस स्थिति में विद्यार्थी किसी स्कूल का नियमित विद्यार्थी नहीं माना जा सकता। जांच होने पर स्कूल संचालक ही नहीं, विद्यार्थियों के लिए भी अड़चन हो सकती है। ज्यादातर अभिभावकों को इस खेल के बारे में जानकारी नहीं होती। हालांकि शिक्षा विभाग समय-समय पर मान्यता प्राप्त स्कूलों की सूची भी जारी करता रहा है, लेकिन उस सूची के बारे में ज्यादातर लोग नहीं जानते। न ही लोग सूची को संभाल कर रख पाते। djftbd
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.