प्रदेश के जिन राजकीय विद्यालयों में वर्क लोड न होने के बावजूद भी शिक्षक नियुक्त है। अब उन शिक्षकों के आराम में शिक्षा विभाग खलल डालने वाला है। उन्हें जल्द ही शिक्षा विभाग शिक्षा के अधिकार के अनुसार वर्क लोड सौंपने जा रहा है। इसके लिए विभाग ने वैज्ञानिकीकरण (रेशनेलाइजेशन) की योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए कार्य शुरू कर दिया है। महानिदेशक ने जेबीटी, हेड टीचर, कला अध्यापक और मास्टर वर्ग के रेशनेलाइजेशन के लिए सभी राजकीय विद्यालयों से रिपोर्ट तलब की है।
महानिदेशक ने सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी को दो प्रारूप भेजे है। एक तो जेबीटी और हेड टीचर का जबकि दूसरे प्रारूप में मास्टर व सीएंडवी संबंधी जानकारी मांगी गई है। इनमें स्कूल का नाम, विद्यार्थियों की संख्या, शिक्षकों की संख्या, स्वीकृत पद, वर्क लोड कितना है सहित कई जानकारी मांगी है। इसे लेकर वे निर्धारित तिथि निदेशालय पहुंचेंगे।
रेशनेलाइजेशन का ये होगा लाभ
रेशनेलाइजेशन के तहत शिक्षा विभाग हर स्कूल से विद्यार्थी और शिक्षकों की संख्या प्राप्त करेगा। इसके बाद आरटीई के तहत विद्यार्थियों की संख्या के अनुसार ही स्कूलों में शिक्षक नियुक्त करेगा। यदि किसी स्कूल में वर्तमान में विद्यार्थी कम और अनुपात में नियम के अनुसार शिक्षक अधिक है, तो उन स्कूलों से शिक्षकों को दूसरे स्कूल में भेजा जाएगा। ताकि विद्यार्थियों को शिक्षक उपलब्ध करवाकर बेहतर शिक्षा दी जा सके।
डीईईओ ने ली बैठक
जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी बलजीत सिंह ने सोमवार को रेशनेलाइजेशन के तहत जिले के सभी खंड मौलिक शिक्षा अधिकारियों की बैठक ली। सभी बीईईओ को आदेश जारी किए है कि वे 13 अप्रैल तक महानिदेशक द्वारा मांगी गई रिपोर्ट को जिला मुख्यालय पर जमा करवाए।
किस जिले को कब प्रस्तुत करनी है रिपोर्ट
17 अप्रैल को रोहतक, हिसार, अंबाला, गुडग़ांव को
21 अप्रैल को झज्जर, फतेहाबाद, यमुनानगर, महेंद्रगढ़
23 अप्रैल को सोनीपत, सिरसा, पंचकूला, पलवल
25 अप्रैल को पानीपत, जींद, कैथल, मेवात
28 अप्रैल को करनाल, भिवानी, कुरुक्षेत्र, रेवाड़ी
30 अप्रैल को फरीदाबाद dbhsr
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