** गैर मान्यता वाले स्कूलों को लेकर इस बार भी होगा बवाल, हाइकोर्ट से स्टे लेकर चल रहे विद्यालय
गैर मान्यता वाले स्कूलों को लेकर बवाल इस बार भी खड़ा होना है। बवाल का मुख्य कारण शिक्षा विभाग द्वारा इन स्कूलों को दिए गए एक साल के एक्टेंशन पीरियड का समाप्त हो जाना है। हालांकि एक्टेंशन पीरियड समाप्त हो गया है लेकिन इन निजी स्कूलों ने हाइकोर्ट से स्टे लेकर अपने ऊपर होने जा रही कार्रवाई पर फिलहाल ब्रेक लगाया हुआ है।
गैर मान्यता वाले स्कूलों को लेकर शिक्षा विभाग की ओर से गत वर्ष एक रिपोर्ट तैयार की गई थी। इस रिपोर्ट में रेवाड़ी के 28 स्कूलों को शामिल किया गया था जिनके पास हरियाणा स्कूल एक्ट 1995 व एक्ट 2009 के सेक्शन 18 के तहत मान्यता नहीं हैं। गैर मान्यता वाले इन स्कूलों को विभाग ने बंद करने तक का फरमान जारी कर दिया था। इनमें से अधिकांश स्कूल ऐसे हैं जो पिछले कई सालों से चल रहे हैं और हजारों बच्चे इनमें पढ़ाई कर रहे हैं। स्कूलों को बंद करने का विरोध हुआ तो शिक्षा विभाग ने इन स्कूलों को मान्यता के नियम पूरे करने के लिए एक साल का और एक्टेंशन दे दिया। निदेशक सेकेंडरी एजुकेशन की ओर से दी गई एक्सटेंशन के बाद ये स्कूल 1 अप्रैल तक और काम कर सकते थे। विभाग के इस कदम के बाद गैर मान्यता वाले ये स्कूल हाइकोर्ट पहुंच गए और वहां से विभाग के इस आदेश पर स्टे ले लिया। मामला अभी भी स्टे में ही अटका हुआ है, लेकिन तलवार अभी भी सिर पर लटकी है।
विभाग ही मान्यता नहीं दे रहा तो हम क्या करें: प्रधान
गैर मान्यता स्कूल एसोसिएशन के प्रधान इंजीनियर आनंद कहते हैं कि बहुत से स्कूल 20-20 सालों से चल रहे हैं जिन्हें विभाग ने आजतक भी मान्यता नहीं दी है। वे लोग कई बार आवेदन कर चुके हैं लेकिन विभाग के नियम काफी सख्त है। विभाग इन स्कूलों को बंद करने की बजाय नियमों में छूट देकर मान्यता दे तो इस तरह की समस्या नहीं होगी।
विभाग के आदेशानुसार ही होगी कार्रवाई: बीईईओ
जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी रामकुंवार फलसवाल का कहना है कि इस मामले में विभाग के आला अधिकारियों से जिस भी तरह के निर्देश आएंगे उनपर ही कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल गैर मान्यता वाले स्कूलों के लिए कोई आदेश अभी तक नहीं आए हैं। dbrwd
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.