** शिक्षा विभाग से जुड़ी एजेंसी ने छात्रों को वितरित नहीं की 2014-15 सत्र की किताबें
सरकारी विद्यालय में पढऩे वाले विद्यार्थियों को नए सत्र में भी कंप्यूटर की किताबें मिलती नहीं दिख रही हैं। बीते सत्र में आधे से ज्यादा समय बीतने पर मिली किताबों के बाद अब नए सत्र में भी विद्यार्थियों को किताबों के लिए इंतजार करना होगा। इसका कारण ठेकेदारों व एजेंसी के माध्यम से कराए जाने वाले काम व अधिकारियों की ओर से ठीक तरीके से मॉनीटरिंग न होना है।
किताबें कब आएंगी, इसका जवाब किसी अधिकारी के पास नहीं है, जबकि वर्तमान समय में 160 शिक्षक कंप्यूटर शिक्षा देने के लिए विद्यालयों में तैनात हैं और 50 हजार से अधिक बच्चे 6 से 12वीं तक की कक्षा में अध्ययन कर रहे हैं।
एजेंसी को देनी हैं किताबें
विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए जिस एजेंसी ने पिछले सत्र में शिक्षकों को विद्यालयों में रखा था, उसी एजेंसी को विद्यार्थियों के पढऩे के लिए किताबों की भी व्यवस्था करनी थी, लेकिन किताबें वितरित नहीं की गई। भूपेंद्रा सोसाइटी के प्रोजेक्टर मैनेजर राजीव से जानकारी लेने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने इस बारे में भी कुछ भी कहने से इंकार कर दिया।
विद्यार्थियों को परेशानी
सरकारी विद्यालय रिठाल व काहनी गांव में पढऩे वाले छात्र मनीष, संदीप, टींकू, सोनू, कविता, रमेश व ज्योति ने बताया कि इस वर्ष भी हम लोगों को किताबें मिलेंगी या फिर नहीं, इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी जा रही है। हम पढ़ें तो कैसे।
अधिकारी बोले
"पिछले सत्र में बच्चों को किताबें आखिर क्यों नहीं मिली, इसकी जानकारी मुझे नहीं है। इस सत्र में बच्चों को किताबें मिल सके, इस पर ध्यान दिया जाएगा। छात्रों को किताबें नहीं मिली, तो फिर उच्च अधिकारियों को अवगत करवाया जाएगा।"--बलवंत सिंह, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी, रोहतक।
क्या कहते हैं शिक्षक
राजकीय वमा विद्यालय काहनी में कंप्यूटर लेक्चरर जगजीत कुमार ने बताया कि पिछला सत्र बिन किताबों के ही पढ़ाया है। बिना किताबों के बच्चों को अच्छे तरीके से पढ़ाया नहीं जा सकता है। विद्यार्थियों की इस समस्या से अनेक बार अधिकारियों को अवगत भी कराया गया है, लेकिन अभी तक उस तरफ कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। dbrhtk
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