नए शैक्षिक सत्र से स्कूलों और कॉलेजों में पढऩे वाले स्टूडेंट्स के लिए अब बस पास बनवाना भी कठिन हो गया है। बस पास को लेकर रोडवेज विभाग कुछ ज्यादा ही सख्त हो गया है। लंबी दूरी वाले विद्यार्थियों को अब विभाग किसी भी तरह की छूट नहीं देगा। इससे पहले 60 किलोमीटर से अधिक दूरी वाले स्टूडेंट्स हल्फिया बयान देकर बस पास बनवा लेते थे। लेकिन अब यह फंडा कतई नहीं चलेगा। अब उन्हें प्रतिदिन बसों में किराया भरकर ही अपने शिक्षण संस्थान पहुंचना होगा।
नियम यह है कि विद्यार्थी अपने घर से शिक्षण संस्थान की 60 किमी दूरी का ही बस पास बना सकता है। रोडवेज की छूट के अनुसार पहले विद्यार्थी अपने किसी रिश्तेदार के पास रहने की बात कहकर हल्फिया बयान दे देता था। उसके आधार पर विद्यार्थी की पढ़ाई को ध्यान में रखते हुए रोडवेज विभाग पास बना देता था। लेकिन अब नए सत्र से इस छूट पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई है। रोडवेज विभाग अब जिस भी विद्यार्थी का नया बस पास बनाएगा, वह उसके राशन कार्ड पर लिखे पते के आधार पर ही बनेगा। यदि उसका राशन कार्ड में घर का पता शिक्षण संस्थान से 60 किमी से अधिक दूरी का है तो पास नहीं बनेगा।
शिक्षण संस्थान से लिखित में देना होगा
बस पास बनवाने वाले स्टूडेंट को अपने संबंधित शिक्षण संस्थान के प्रिंसिपल से यह लिखित में देना होगा कि वह उनका स्टूडेंट है। उसके साथ राशन कार्ड की फोटो कापी भी लगानी जरूरी होगी।
शिक्षण संस्थान की जिम्मेदारी होगी
"रोडवेज विभाग ने स्टूडेंट्स बस पास बनाने के नियमों में नए शैक्षिक सत्र से बदलाव किया है। नए नियम के मुताबिक अब संबंधित शिक्षण संस्थान की ही अपने स्टूडेंट्स के बस पास बनवाने की जिम्मेदारी होगी। संस्थान यह लिख कर देगा कि जिस स्टूडेंट का बस पास बनाना है वह उनके संस्थान में पढ़ता है। साथ में उसका राशन कार्ड व अन्य जरूरी दस्तावेज की फोटो कापी भी देनी होगी। 60 किमी से अधिक दूरी के किसी भी विद्यार्थी का बस पास नहीं बनाया जाएगा।"--आरएस पूनिया, जीएम रोडवेज, फतेहाबाद dbftbd
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.