हिसार : भूना और उसके आसपास के गांवों की 18 लड़कियां अपने 'गुरु' की लापरवाही के कारण बीए सेकंड ईयर की परीक्षा नहीं दे सकीं। पैसे और दस्तावेज जमा करवाए जाने के बाद भी रोल नंबर न मिलने के कारण उनकी पढ़ाई का एक साल खराब गया। लड़कियां मंगलवार को दिनभर परीक्षा देने के लिए भटकती रही। परिवार और छात्राएं दिनभर परीक्षा केंद्र तलाशते रहे। कुुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में उनका फार्म भरने वाला व्यक्ति दिनभर कॉलेजों के चक्कर लगवाता रहा। अंत में फोन बंद कर लिया और मायूस छात्राएं राजगढ़ रोड स्थित राजकीय महाविद्यालय से बैरंग लौट गई।
छात्रा पूजा, सीमा, गुरमीत, निर्मला सहित 18 छात्राओं ने बीए द्वितीय वर्ष की परीक्षा के लिए प्राइवेट फार्म भरे। छात्राएं किरमारा, नहला, दहमन, ढाणी भोजराज सहित भूना के आसपास के गांव की थीं। किरमारा की पूजा ने बताया कि जिस व्यक्ति के जरिये फार्म भरवाया उसका भूना में एक शिक्षण संस्थान था। वह गांव नहला में रहता है। उससे हम पढ़ चुके हैं। इसलिए विश्वास कर उसे फार्म के रुपये व दस्तावेज दे दिए। परीक्षा के पहले दिन जब परिजनों व छात्राओं ने उक्त व्यक्ति से रोल नंबर मांगा तो उसने कहा कि परीक्षा से पहले वह कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से लेकर आ जाएगा। मगर जब सुबह उससे बातचीत की तो उसने जवाब दिया कि फतेहाबाद के एमएम कॉलेज में तुम्हारा पेपर हैं वहां आ जाओ। वे वहां पहुंचे तो पता चला कि उनका रोल नंबर नहीं है। इसके बाद उसने कहा कि गलती हो गई। परीक्षा केंद्र हिसार के जाट कॉलेज में है। छात्राएं निजी वाहन कर हिसार जाट कॉलेज फिर डीएन कालेज पहुंची।
अंत में जब उससे बात की तो उसने राजकीय महाविद्यालय का नाम लिया। वहां पर छात्राएं केंद्र अधीक्षक आरपी खरक के पास पहुंची। प्रो. आरपी खरक ने बताया कि 18 छात्राएं द्वितीय वर्ष का अंग्रेजी ए पेपर देने के लिए उनके पास पहुंची थीं। उनके पास केवल एक पेज पर रोल नंबर, नाम और पिता का नाम लिखा कागज था। जिस पर न तो यूनिवर्सिटी का नाम न किसी अधिकारी के हस्ताक्षर थे। दस्तावेज न हो पाने के कारण उन्हें पेपर नहीं देने दिया गया।
रोल नंबर आने में हुई देरी
आरोपित व्यक्ति ने कहा कि उसने फार्म भरे थे। रोल नंबर उन्हें मंगलवार को लेट मिले। अगली परीक्षाएं छात्राएं दे पाएंगी। उनके रोल नंबर केयू से ले आया हूं। कल उन्हें दे दिए जाएंगे।
फोन पर भी यूनिवर्सिटी का अधिकारी बताया
जब राजकीय महाविद्यालय परीक्षा केंद्र 5 पर उपस्थित डॉ. सत्यपाल ने बात की तो सामने से व्यक्ति ने अपना परिचय केयू के अधिकारी के रूप में दिया। लेकिन जब डॉ. सत्यपाल ने उनसे पेपर लेने के संबंध में दस्तावेज भेजने की बात कही तो उसने फोन काट दिया। db
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