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Wednesday, 16 April 2014

शिक्षा विभाग ने फीस वृद्धि पर लगाई रोक

** फीस बढ़ोतरी मामला : अभिभावक एकता संघ के सदस्यों ने उपायुक्त को दी शिकायत
करनाल : अभिभावक एकता संघ के सदस्यों व अभिभावकों ने दूसरे दिन फिर से दयाल सिंह पब्लिक स्कूल सेक्टर-7 के सामने प्रदर्शन किया। अभिभावकों ने स्कूल प्रबंधन से बढ़ोतरी फीस को वापस लेने की मांग दोहराई। इसके बाद एकत्रित अभिभावकों व संघ सदस्यों ने डीसी को शिकायत देकर फीस बढ़ोतरी पर रोक लगाने की मांग की। उधर अभिभावकों के तेवर देखते हुए जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी ने सभी अराजकीय स्कूलों को पत्र लिखकर वर्ष 2014-15 में बढ़ोतरी फीस न लेने के निर्देश जारी किए। 
अभिभावक एकता संघ सदस्य व अभिभावक सुबह साढ़े आठ बजे जुलूस की शक्ल में डीसी निवास पर पहुंचे। लेकिन यहां पर डीसी ने उन्हें लघु सचिवालय स्थित कार्यालय में मिलने का सुझाव दिया। प्रदर्शनकारी अभिभावक साढ़े नौ बजे लघु सचिवालय में पहुंच गए और 10 बजे डीसी से उनके कार्यालय मिले। संघ के सदस्यों ने बताया कि निजी स्कूल अपनी मनमानी करते हुए बोर्ड की अनुमति के बिना फीस में बढ़ोतरी कर रहे हैं। अभिभावकों के अनुसार डीसी ने एफसी को मामले में कार्रवाई के लिए पत्र लिखने का आश्वासन दिया है। 
पूरा सिस्टम पारदर्शी 
दयाल सिंह ट्रस्ट सोसाइटी के जीएम ब्रिगेडियर एनके भंडारी ने कहा कि अध्यापकों को स्केल से सेलरी दी जाती है। विधवा, बीपीएल, ईडब्ल्यूए को फीस में विशेष छूट दी जाती है। इनकम टैक्स, प्रापर्टी टैक्स स्कूलों पर थोप दिया गया है। स्टाफ सदस्यों को लीव इनकैशमेंट व ग्रेच्युटी तक दी जाती है। विद्यार्थियों को हर प्रकार की सुविधा प्रदान की जाती है। सुविधाओं के मद्देनजर ही फीस में 13 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। 
अभिभावक एकता संघ के महासचिव नवीन अग्रवाल ने कहा कि निजी स्कूलों की फीस में नाजायज बढ़ोतरी को सहन नहीं किया जाएगा। इसका हर स्तर पर विरोध किया जाएगा। क्योंकि कोई भी स्कूल बिना बोर्ड की परमिशन के फीस में बढ़ोतरी नहीं कर सकता है। यह सरासर गलत है। 
अभिभावक एकता संघ के प्रधान दिनेश नरूला ने कहा कि निजी स्कूल मनमानी कर रहे हैं। जब मन करता है फीस में वृद्धि कर देते हैं। अभिभावक चीखते चिल्लाते रहते हैं, लेकिन कोई सुनता ही नही है। कंप्यूटर, स्मार्ट क्लास और एक्टिविटी फीस के नाम पर मोटी रकम झटकी जाती है। 
बढ़ोतरी फीस न लें स्कूल 
डीईईओ उदय प्रताप सिंह ने बताया कि गैर राजकीय स्कूलों को पत्र लिखकर निर्देश दिए गए हैं कि कोई भी स्कूल वर्ष 2014-15 में बढ़ी हुई फीस न ले। पिछले साल वाली फीस ही ली जाए। शिक्षा विभाग द्वारा गठित कमेटी से एनओसी लेकर ही फीस बढ़ोतरी की जा सकती है। इसके अलावा एनुअल चार्जेज भी सिर्फ पहली, नौंवी व 11वीं कक्षा में ही ली जाए। स्कूल प्रबंधन द्वारा स्मार्ट क्लास, कंप्यूटर व एडिशनल चार्जेज भी नहीं लिए जा सकते। नियम 134ए के तहत पहली से आठवीं कक्षा तक कोई फीस नहीं लेनी है। जबकि नौंवी से 12वीं कक्षा तक नोमिनल चार्जेज लिए जा सकते हैं। 
"कुछ अभिभावक उनसे मिलने आए थे, लेकिन उन्होंने एक जनरल शिकायत दी। उन्होंने उनसे यह स्पष्ट करने के लिए कहा था कि कौन सा स्कूल का क्या वायलेशन कर रहा है। लेकिन इसके बाद वे उनके पास इस तरह की कोई शिकायत लेकर नहीं आए। अगर किसी स्कूल की शिकायत मिलेगी तो विभागीय एफसी को मामले की जांच व कार्रवाई के लिए पत्र लिखा जाएगा।"--बलराज सिंह, डीसी करनाल।                                   db & dj

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