3.77 करोड़ रुपए की ग्रांट मंजूर हो चुकी है
रूसा में पहली शर्त है कि सभी कोर्सेज में सेेमेस्टर सिस्टम हो। इसकी बड़ी वजह है टीचिंग डेज को पूरा करना और पूरा साल एक्टिविटी बरकरार रखना। पीयू के कांस्ट्रीयूट कॉलेजेस में 3.77 करोड़ रुपए की ग्रांट मंजूर हो चुकी है। कैंपस से और करीब 25 कॉलेजेस से रूसा के लिए योजना बन कर गई है। इसमें 350 करोड़ रुपए से अधिक की रकम आने की संभावना है। सेमेस्टर सिस्टम के डिसिजन में अगर देरी होती है तो इस साल से वह ग्रांट के लिए क्लेम नहीं कर सकेंगे।
स्टूडेंट्स और स्टडी पर यह प्रभाव पड़ेगा
सेमेस्टर सिस्टम पर औपचारिक सहमति नहीं होने की वजह से एकेडमिक कैलेंडर को भी औपचारिक सहमति नहीं दी जा रही। इस बार 10 जुलाई की बजाए सात जुलाई से ही कॉलेजेस खुल जाएंगे। पुरानी क्लासेज 10 जुलाई से शुरू हो जाएंगी जो पिछली बार 14 से शुरू हुई थीं। 26 मई से 5 जुलाई तक गर्मियों की छुट्टियां रहेंगी। इसमें तीन छुट्टियां कम की गई। विंटर ब्रेक 29 दिसंबर से 14 जनवरी तक रहेगी। पिछले साल से 28 दिसंबर को विंटर ब्रेक हुई थी। एडमिशन की डेट 27 जून से तय कर दी गई है। उससे पहले पीयू से एफिलिएटेड सभी कॉलेजिस को प्रॉस्पेक्टस छापने हैं। सिस्टम तय होगा, तभी वह स्टूडेंट्स को जानकारी दे सकेंगे। इसे लेकर कॉलेजों के साथ स्टूडेंट्स में कन्फ्यूजन की स्थिति है।
"जब तक सिंडीकेट में इसे मंजूरी नहीं मिल जाती, उस समय तक इस विषय पर कुछ भी बोलना संभव नहीं है। उम्मीद है कि अगली सिंडीकेट में इस पर डिसकशन होगा।"--प्रो. एके भंडारी, रजिस्ट्रार, पंजाब यूनिवर्सिटी db
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