करनाल : निजी स्कूलों में अनुचित फीस वृद्धि और एनुवल चार्जेज का विरोध बढ़ता जा रहा है। अभिभावकों ने कमेटी चौक पर एकत्रित हो धरना देकर प्रदर्शन किया। इसके बाद अभिभावक दयाल सिंह स्कूल सेक्टर-7 में पहुंचे यहां पर शिक्षा विभाग के 15 अप्रैल के आदेश को लागू करने की मांग को लेकर नारेबाजी की। अभिभावकों ने ऐलान किया कि 21अप्रैल से बच्चों को स्कूल में नहीं भेजा जाएगा। सूचना के अभाव में जो बच्चे स्कूल आएंगे उन्हें भी वापस भेजा जाएगा। शनिवार को अभिभावक एकता संघ के आह्वान पर काफी संख्या में अभिभावक कमेटी चौक पर एकत्रित हुए। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत अभिभावकों ने कमेटी चौक पर निजी स्कूलों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और कुछ देर तक धरना भी दिया। इसके बाद यहां पर एकत्रित अभिभावक जुलूस की शक्ल में सेक्टर-7 दयाल सिंह पब्लिक स्कूल के सामने पहुंचे। अभिभावकों ने शिक्षा विभाग द्वारा 15 अप्रैल को जारी पत्र का हवाला देते हुए फीस वृद्धि को वापस लेने, वार्षिक फीस, स्मार्ट क्लास व कंप्यूटर फीस न लेने की मांग दोहराई।
इन बच्चों के अभिभावकों में भी हलचल
संघ प्रधान के अनुसार कान्वेंट स्कूल, डीपीएस स्कूल, प्रताप स्कूल, एसडी आदर्श में पढऩे वाले कुछ बच्चों के अभिभावक उनसे मिले और उक्त स्कूलों में फीस वृद्धि का विरोध करना चाहते हैं। इस बारे में सोमवार को विचार-विमर्श करते हुए निर्णय लिया जाएगा। संघ निजी स्कूलों की गलत नीतियों के विरोध में अभिभावकों का साथ देगा।
अनिश्चितकालीन जारी रहेगा विरोध
अभिभावक एकता संघ के प्रधान दिनेश नरूला, प्रो. एससी जैन, आनंद मोहन गुप्ता, नरेंद्र गुप्ता, चरणजीत सिंह, जसवंत सिंह, डिंपल आदि ने कहा कि सोमवार से अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल में नहीं भेजेंगे। जो बच्चों सूचना के अभाव में स्कूल में आएंगे उन्हें भी वापस लौटा दिया जाएगा। उनका यह विरोध प्रदर्शन अनिश्चितकाल तक जारी रहेगा।
तब तक जमा नहीं कराई जाएगी स्कूल फीस
अभिभावक एकता संघ ने ऐलान किया कि निर्णय के अनुसार कोई भी अभिभावक तब तक अपने बच्चों की फीस जमा नहीं कराएगा जब तक स्कूल प्रबंधन द्वारा डीईईओ के आदेशों की पालना नहीं करता है। इसलिए विद्यालय को फीस वृद्धि के आदेशों का पालन करने में देर नहीं करनी चाहिए।
अब अगली कार्रवाई कर सकता है निदेशालय
"उन्होंने इस संदर्भ में अपने तरफ से लेटर पहले ही जारी कर दिया है। इससे ज्यादा उनकी अपनी पावर में कुछ नहीं है। अब अगली कार्रवाई शिक्षा निदेशालय ही कर सकता है।"--उदय प्रताप सिंह, डीईईओ करनाल। db
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