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Saturday, 12 April 2014

निजी स्कूलों पर कार्रवाई के लिए मंच ने कसी कमर

** कानूनी कार्रवाई की रूपरेखा तय करने के लिए 13 अप्रैल को प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक फरीदाबाद में हो रही है। 
जिन निजी स्कूलों ने हुडा, सीबीएसई और फीस रेगुलेशन कमेटी की सहमति के बिना और फार्म-6 जमा कराए बिना ही शिक्षा सत्र 2014-15 में ट्यूशन फीस व अन्य मदों में वृद्धि की है, उनका हरियाणा अभिभावक एकता मंच ने कड़ा विरोध किया है। उसने ऐसे स्कूलों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए कमर कस ली है। मंच के इस विरोध में जिले के अभिभावक भी जुड़ गए हैं। मंच के कहने पर उन्होंने अपने बच्चे के पिछले पांच साल के फीस का ब्यौरा मंच के पास जमा कराना शुरू कर दिया है। कानूनी कार्रवाई की रूपरेखा तय करने के लिए 13 अप्रैल को मंच की प्रदेश कार्यकारिणी की एक बैठक फरीदाबाद में हो रही है। इसकी अध्यक्षता प्रदेशाध्यक्ष एडवोकेट ओपी शर्मा करेंगे। 
मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा व संरक्षक सुभाष लांबा के अनुसार पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट ने 9 अप्रैल को निजी स्कूलों के बार-बार फीस बढ़ाने पर इसकी वैधता की जांच करने के लिए रिटायर्ड जस्टिस किरण आनंद लाल की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया है। कमेटी को स्कूलों द्वारा फीस बढ़ाने के कारणों की स्टडी करने का निर्देश दिया गया था। इसमें स्कूलों के एकाउंट्स रिकार्ड की पड़ताल, इंफ्रास्ट्रक्चर, सुविधाओं, शिक्षकों को दिया जा रहा वेतन व भविष्य में सुविधाओं के विस्तार को भी ध्यान में रखने का निर्देश दिया गया था। कमेटी से यह भी कहा गया था यदि यह पाया जाए कि स्कूलों ने जरूरत से ज्यादा फीस बढ़ाई है तो फीस रिफंड के लिए कहा जाए। 
इस कमेटी को एक साल बाद भी सरकार द्वारा मूलभूत सुविधाएं व सहयोग न देने पर 5 अप्रैल को चीफ जस्टिस संजय किशन कौल व जस्टिस अरुण पल्ली की खंडपीठ ने प्रिंसिपल सेक्रेटरी को अवमानना मामले में कोई राहत न देते हुए खंडपीठ ने हरियाणा के स्कूल शिक्षा विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी को अदालत की अवमानना का नोटिस जारी कर पूछा है कि हाईकोर्ट के निर्देश की अनदेखी पर क्यों न उनके खिलाफ अदालत की अवमानना की कार्रवाई की जाए। इस मामले में 16 मई के लिए अगली सुनवाई तय है। मंच के पदाधिकारियों का कहना है कि राज्य सरकार निजी स्कूलों की सशक्त लॉबी के दबाव में है। इसीलिए उन्हें पूरा संरक्षण दे रही है। यही कारण है कि सरकार ने हाईकोर्ट द्वारा गठित कमेटी को एक साल बाद भी अभी तक कोई भी सहयोग प्रदान नहीं किया है। पदाधिकारियों ने अभिभावकों से कहा है कि वे फीस वृद्धि का विरोध कर अपनी शिकायत व फीस का ब्यौरा शीघ्र मंच के पास जमा कराएं।                          dbfrbd

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