अम्बाला : न पेपर चेक हुआ ही कोई गलती निकाली गई। किसी भी प्रश्न के उत्तर के आगे कहीं भी एक भी नंबर नहीं दिया और जारी कर दी मार्कशीट। यानी जिसको जितने चाहे नंबर दे दिए गए। पूरे पेपर में नंबर मनमर्जी से दे दिए गए। यह कारनामा किया कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी ने।
खुलासा आरटीआई के तहत आंसरशीट की सत्यापित उत्तरपुस्तिका से हुआ। एमबीए के प्रथम सेमेस्टर के बिजनेस एनवायरमेंट पेपर में ये गड़बड़ियां की गई हैं। 17 दिसंबर 2013 को हुई परीक्षा का परिणाम 2014 में जैसे ही आया, तो रिजल्ट देखकर कई होनहार विद्यार्थियों के होश ठिकाने नहीं रहे थे। यमुनानगर की रहने वाली ईशा सचदेवा भी इनमें से एक थी। रिजल्ट आने के बाद से आज तक डिप्रेशन में है।
रिवेल्यूशन के चार माह बाद भी नहीं आया रिजल्ट :
ईशा ने रिवेल्यूशन के लिए अपील कर दी। इसका रिजल्ट चार माह बाद भी आज तक जारी नहीं हुआ। साथ ही ईशा ने आरटीआई एक्ट के तहत अपनी आंसरशीट की फोटोस्टेट मांगी। फोटोस्टेट उसके पास पहुंची तो ईशा के पांव तले से जमीन खिसक गई। एक भी प्रश्न पूरी शीट में ऐसा नहीं था जोकि चेक किया गया हो।
कोडिंग दिखाई साढ़े 16 नंबर की, टोटल में कर दिए 20 :
आंसरशीटके फ्रंट पेज पर 3, 3, 3, 3.5 और 4 नंबर दे दिए गए। इसके बाद इनका टोटल कर दिया गया 20 नंबर, बाकायदा अंग्रेजी में भी टवेंटी लिखा गया है।
केयू के वीसी डॉ. डीडीएस संधू का कहना है कि यदि ऐसा है तो गलत हुआ है। पूरे मामले की जांच करवाई जाएगी।
नॉलेज : नियमानुसार ऐसा करने वाले टीचर को ब्लैकलिस्ट करना चाहिए। इस पूरे मामले में कम से कम दो व्यक्तियों पर कार्रवाई हो सकती है। एक पेपर चेक करने वाला, दूसरा जिसने रिजल्ट बनाया। उसे भी दिए गए नंबर की गणना करनी चाहिए थी। यदि गलती थी तो उसे वापस टीचर के पास भेजना था। साथ ही हिदायत भी देनी थी कि ऐसा भविष्य में हो और पेपर पर हर प्रश्न के उत्तर के आगे अंक दिए जाएं।
आगे क्या :
इस मामले ने केयू की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पूरे सेमेस्टर में यदि इस टीचर और रिजल्ट तैयार करने वाले ने जितनी भी शीट चेक की हैं, उन पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। सभी की जांच होनी चाहिए। लेकिन कंट्रोलर स्पष्ट तौर पर इंकार कर गए। भविष्य में ऐसा हो, इसकी गारंटी भी उन्होंने नहीं ली।
हो गया है तो अब क्या करें
"होगया है तो अब क्या करें, सुधार कर दिया है न। स्टूडेंट के 70 में से 38 नंबर हो गए हैं, जोकि हमने ठीक कर दिए हैं। जल्द ही अब उसका सही रिजल्ट जारी कर देंगे। गलती तो किसी से भी हो सकती है। कोई और विद्यार्थी इस सेमेस्टर का अब सामने आता है तो हम उसके लिए कुछ नहीं कर सकते।"--डॉ.हुकम सिंह, परीक्षानियंत्रक केयू db
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