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Sunday, 14 December 2014

सरकारी स्कूल भारती फाउंडेशन को सौंपे जाने का विरोध

करनाल : हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ ने सरकारी स्कूलों को भारती फाउंडेशन को सौंपे जाने का पुरजोर विरोध किया है। संघ का कहना है कि स्कूलों को निजी हाथों में सौंपना सरासर गलत है। ऐसा करके सरकार अध्यापकों और विद्यार्थियों के भविष्य से खिलवाड़ करने का काम कर रही है।
संघ के अध्यक्ष अनिल सैनी ने बताया कि शिक्षा विभाग ने करनाल जिला से 6 स्कूलों को भारतीय फाउंडेशन को सौंपने का निर्णय लिया है। इन स्कूलों में राजकीय प्राथमिक विद्यालय सीकरी, राजकीय प्राथमिक विद्यालय भादसो, राजकीय प्राथमिक विद्यालय बजीदा जाटान, राजकीय प्राथमिक विद्यालय चिड़ाव, राजकीय प्राथमिक विद्यालय पदाना हसनपुर, राजकीय प्राथमिक विद्यालय जलमाना शामिल हैं। अनिल सैनी ने कहा कि किसी भी एनजीओ को स्कूलों में घुसने नहीं दिया जाएगा। इसका कड़ा विरोध किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार सुधारीकरण के नाम पर सरकारी स्कूलों को निजी हाथों में सौंप रही है। यह सहन नहीं किया जाएगा। शिक्षा का निजीकरण नहीं होने दिया जाएगा। जरूरत पडऩे पर धरने प्रदर्शन करने से भी अध्यापक गुरेज नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि अध्यापकों के ए.सी.पी के जो मामले अधूरे हैं, उन्हें जल्द से जल्द पूरा किया जाए। इस मामले को लेकर कई बार यूनियन का प्रतिनिधिमंडल उच्चाधिकारियों से मिल चुका है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं की गई। हर बार टालमटोल का रवैया अपनाया जाता है। संघ के प्रेस सचिव जयराज बिडलान ने कहा कि जो अध्यापक रिटायर हो रहे हैं, उन्हें 31 मार्च तक के लिए रिएम्लायमेंट पत्र सौंपे जाएं ताकि विद्यार्थियों की शिक्षा किसी भी तरह प्रभावित न हो।                                                     dt

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