चंडीगढ़ : भाजपा सरकार के भीतर सब अच्छा नहीं चल रहा। अनुभव की कमी कहें या फिर अपनी डफली अपना राग वाली स्थिति, मुख्यमंत्री और उनके वरिष्ठ सहयोगी किसी न किसी महत्वपूर्ण मुद्दे पर टकरा ही जा रहे हैं। इस बार टकराव की वजह कर्मचारियों के लिए पंजाब के समान वेतनमान है, और आमने-सामने फिर मुख्यमंत्री मनोहर लाल और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज हैं। प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों को पंजाब के समान वेतनमान दिलाने के लिए विज अपनी ही सरकार से लोहा लेने को तैयार हैं तो मुख्यमंत्री मनोहर लाल उनके दावे को सिरे से ही खारिज कर रहे हैं। विज ने राज्य की आर्थिक स्थिति मजबूत होने पर कर्मचारियों को वेतनमान देने की बात कही है, जबकि मुख्यमंत्री ने कर्मचारियों को जो वेतन मिल रहा है उसमें ही संतोष करने की नसीहत दी है। विज ने शनिवार को फिर दोहराया है कि वे कर्मचारियों को पंजाब के समान वेतनमान दिलाने के अपने वादे पर कायम हैं। प्रदेश की वित्तीय स्थिति मजबूत करने के बाद उन्हें लाभ दिया जाएगा। बीते 5 सालों में भाजपा विधायक दल का नेता होने के नाते उन्होंने विस में जो मुद्दे उठाए हैं, वे उन्हें पूरा कराने के लिए वचनबद्ध हैं। विज के समर्थन से कर्मचारियों के हौसले जहां बढ़ रहे हैं, वहीं सरकार के लिए विकट स्थिति पैदा हो रही है।
ऐसे हुई थी टकराव की शुरुआत :
मुख्यमंत्री मनोहर लाल और विज के बीच टकराव की शुरुआत मंत्रियों को विभागों के बटवारे के साथ ही हो गई थी। विज को उनके कद के मुताबिक विभाग नहीं मिले हैं। इसके बाद रन फार यूनिटी अभियान में विज किसी जिले की जिम्मेदारी न मिलने पर भी नाराज हो गए थे। dj
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