चंडीगढ़ : पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट को हर बार रेगुलर भर्ती होने के बाद गेस्ट टीचर्स को हटाने का आश्वासन देकर गेस्ट टीचर्स को बनाए रखना अब सरकार व शिक्षा विभाग के अधिकारिओं को भारी पड़ता नजर आ रहा है।
हाईकोर्ट ने रेगुलर शिक्षक भर्ती पूरी होने व तय समय सीमा समाप्त होने के बावजूद एक भी गेस्ट टीचर को न हटाने का कड़ा संज्ञान लेते हुए वीरवार को शिक्षा विभाग की पूर्व वित्तायुक्त एवं सचिव सुरीना राजन व वर्तमान वित्तायुक्त एवं सचिव टीसी गुप्ता को नोटिस जारी कर जवाब तलब कर लिया है।
पात्र अध्यापक संघ के उपाध्यक्ष प्रेम सिंह अहलावत व अन्य ने हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल कर हाईकोर्ट व सुप्रीमकोर्ट के पूर्व में दिए आदेशों की पालना न करने व 14216 पीजीटी की भर्ती पूरी होने के बाद भी अतिथि अध्यापकों को सेवारत रखने पर अधिकारियों पर अवमानना की कार्रवाई की मांग की। याचिकाकर्ता के वकील जगबीर मलिक ने बहस करते हुए कहा कि सरकार गेस्ट टीचर्स को हटाने की बजाय इनको अब नियमित करने की मंशा रखती है। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने गेस्ट टीचर्स को हटाने की बजाय अब इनके पदों को ही रिक्त न मानने का निर्देश जारी कर दिया है।
भर्ती में जानबूझ कर देरी का आरोप
याचिका में कहा गया है कि रेगुलर शिक्षक भर्ती के लिए वर्ष 2011 में हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका पर 30 मार्च 2011 को निर्णय देते हुए आदेश दिया था कि सरकार 31 दिसम्बर 2011 तक रेगुलर शिक्षक भर्ती पूरी करे। तत्कालीन सरकार ने भर्ती से पहले अध्यापक पात्रता परीक्षा लेने की घोषणा कर भर्ती में जानबूझ कर देरी करना शुरू कर दिया। इस पर हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की गई थी। जिसके कारण मजबूरन सरकार ने अध्यापक पात्रता परीक्षा का आयोजन तो कर दिया लेकिन भर्ती करने बारे कोई कार्रवाई शुरू नहीं की बल्कि इसके उल्ट 16 दिसंबर 2011 को हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर रेगुलर शिक्षक भर्ती के लिए 6 माह की मोहलत और देने की मांग की थी। सरकार की उस याचिका पर हाईकोर्ट की डिवीजन बैंच ने 15 मार्च 2012 को सुनवाई करते हुए तत्कालीन सरकार को कड़ी फटकार लगाई थी और उस याचिका को खारिज कर दिया था। dt
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.