तोशाम : प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए एक तरफ तो सरकार ने कमर कस ली है तथा शिक्षा निदेशालय ने जिला अधिकारियों को स्कूलों का निरीक्षण करने को कहा है। वहीं नित्य नये कार्यक्रम तय कर इनमें स्कूली बच्चों तथा विद्यालय स्टाफ को शामिल कर पढ़ाई को बाधित भी किया जा रहा है। सरकार की इस दोहरी नीति की बदौलत सरकारी स्कूलों की हालात बदत्तर होती जा रही है तथा इसका ठीकरा स्कूल में कार्यरत अध्यापकों पर फोडऩे के कारण अध्यापक संघों की भौहें तनती जा रही हैं। पिछले कुछ समय से अध्यापक सरकार की शिक्षा नीति पर सवाल उठाते आ रहे हैं लेकिन अपनी नीति में बदलाव की बजाय सरकार ने अध्यापकों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।
निदेशालय के अधिकारी को प्रति माह 2 स्कूलों के निरीक्षण के आदेश :
शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव टीसी गुप्ता ने सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर में सुधार करने के लिए कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। उन्होंने पंचकूला स्थित शिक्षा निदेशालय के उपनिदेशक, सह निदेशक, अतिरिक्त निदेशक व अन्य अधिकारियों से प्रति महीने 2 स्कूलों का निरीक्षण कर अपनी रिपोर्ट विभाग के प्रधान सचिव के कार्यालय में जमा करवाने के निर्देश दिए हैं। अपने आदेश में प्रधान सचिव ने कहा है कि यदि उपरोक्त अधिकारी अपने निरीक्षण कार्य में कोताही बरतेंगे तो उनके वेतन को रोक लिया जाएगा। dt
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