चंडीगढ़ : शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव टी.सी. गुप्ता ने 27 नवंबर को भेजे आदेश संख्या 4/8-2011 में लापरवाह अधिकारियों को चेतावनी दी है कि एक माह में कम से कम दो स्कूलों का निरीक्षण करें। ऐसा नहीं करने वाले अफसरों का वेतन रोक लिया जाएगा। इन अधिकारियों का वेतन उस समय तक नहीं दिया जाएगा, जब तक संबंधित अधिकारी ये निरीक्षण का काम पूर्ण नहीं करेगा।
शिक्षा विभाग में प्रदेश मुख्यालय में बैठे अफसरों को स्कूलों में जाकर वहां पर मूलभूत सुविधाओं पर ध्यान देना होगा। इसके साथ ही अधिकारियों ने स्कूलों में निरीक्षण नहीं किया तो उनका वेतन रोक लिया जाएगा।
रिपोर्ट देने के निर्देश
विभाग के प्रमुख सचिव टीसी गुप्ता ने इस तरह का फरमान जारी किया है। शिक्षा विभाग ने मुख्यालय में जमें अफसरों को फील्ड में जाने के निर्देश जारी कर दिये हैं। निर्देशों के अनुसार डिप्टी, ज्वाइंट और एडीशनल डायरेक्टर के अलावा बाकी अफसरों को फील्ड में जाना होगा। सरकारी स्कूलों में निरीक्षण करने के फरमान पर अमल नहीं करने वालों पर शिकंजा कसा जाएगा।
बच्चों की समस्याएं सुनें
विभागीय अफसरों को कहा गया है कि सरकारी स्कूलों में जाकर यहां पर शिक्षक वर्ग और छात्र छात्राओं की समस्याएं सुने। यहां पर मूलभूत सुविधाओं की कमी पर भी ध्यान दें। स्कूलों में टॉयलेट्स, पीने के पानी की व्यवस्था, फर्र्नीचर और पढ़ाई के स्तर की जांच करनी होगी। निर्देशों के अनुसार निरीक्षण रिपोर्ट सीधे प्रिंसीपल सेक्रेटरी को ही प्रस्तुत करनी होगी।
निरीक्षण में लगाएं भ्रष्टाचार पर लगाम : संघ:
हरियाणा प्रांत अध्यापक संघ कोषाध्यक्ष नरेश आकाश ने उम्मीद जतायी है कि निरीक्षण में स्कूलों का भ्रष्टाचार भी पकड़ में आ सकता है। एडेड स्कूलों के अंदर पिछले 10 साल से टीचरों का आर्थिक और मानसिक शोषण किया जा रहा है।
जल्द मिले वेतन:
अभी तक 5वें वेतन आयोग के हिसाब से ही वेतन दिया जा रहा है तो कई स्कूलों में मैनेजमेंट पूरा वेतन भी नहीं दे रहा है। सरकार ने एडिड स्कूलों के स्टाफ को समायोजित करने का फैसला किया था, लेकिन अभी तक यह स्टाफ समायोजित नहीं हो पाया है। आकाश ने मांग की है कि निरीक्षण में एडिड स्कूलों को भी शामिल किया जाना चाहिए। जिससे राहत मिल सके। hb
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