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Sunday, 7 December 2014

कॉलेजों में रिटायरमेंट की अलग-अलग उम्र मामले में हाईकोर्ट ने सरकार पर लगाया जुर्माना


** सेवा निवृत्ति आयु मामले में प्रदेश सरकार व यूजीसी सहित संबंधित विभागों को भेजा गया था नोटिस
** कॉलेज प्राध्यापकों की रिटायरमेंट उम्र 58 या 60 पर जवाब नहीं देने पर लगा जुर्माना
** नोटिस देकर चार सप्ताह तक का दिया समय
** हाईकोर्ट को जवाब न देने पर सरकार पर जुर्माना
रोहतक : सरकारी अनुदान (वेतन) प्राप्त निजी और सरकारी कॉलेजों में रिटायरमेंट की अलग-अलग उम्र के मामले में जवाब नहीं देने पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार पर जुर्माना लगाया है। हाई कोर्ट ने राज्य सरकार पर 5 हजार का जुर्माना लगाया है। हरियाणा हाईकोर्ट चंडीगढ़ के संविधान बैंच के न्यायाधीश राजीव कुमार रैना ने हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव, सचिव, यूजीसी और अन्य संबंधित विभागों को 17 फरवरी 2014 तक जवाब देने का नोटिस भेजा था। हाईकोर्ट ने 4 दिसंबर को जुर्माना लगाते हुए चार सप्ताह में इसका जवाब देने के लिए कहा है।
एनआरएस राजकीय कॉलेज रोहतक में लोक प्रशासन के एसोसिएट प्रोफेसर ओमप्रकाश वधवा ने 28 नवंबर 2013 को कोर्ट में याचिका लगाई थी । याचिका में कहा था कि 4-5 राज्यों को छोड़कर देश के सभी राज्यों में सरकारी और सरकारी वेतन प्राप्त निजी कॉलेजों में प्राध्यापकों की सेवानिवृत्ति की आयु 60 वर्ष है। लेकिन हरियाणा (रोहतक) में सरकारी वेतन प्राप्त निजी कॉलेजों (जाट कॉलेज, वैश्य कॉलेज और हिंदू कॉलेज आदि ) में प्राध्यापकों की सेवानिवृत्ति की आयु 60 और सरकारी कॉलेजों में 58 वर्ष है। जबकि दोनों तरह के कॉलेजों में बराबर पेंशन का प्रावधान है। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि सरकारी और सरकारी वेतन प्राप्त कॉलेजों में प्राध्यापकों की योग्यता, टीचिंग- वर्कलोड और वेतन आदि बराबर लेकिन सेवा निवृत्ति की उम्र अलग-अलग है। 
हाईकोर्ट ने भी मांगा था जवाब
इस पर हाई कोर्ट केन्यायाधीश जस्टिस तेजिंदेर सिंह ढिंडसा ने सरकार द्वारा और समय मांगने पर पांच हजार का जुर्माना लगाते हुए चार सप्ताह में जवाब देने के लिए कहा है।                                                    au

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