चंडीगढ़ : सरकारी स्कूलों में नियुक्ति पाने के लिए नव चयनित जेबीटी किसी भी जांच से गुजरने को तैयार हैं। जेबीटी शिक्षकों ने भर्ती प्रक्रिया पर उठ रहे सवालों का निपटारा करने के लिए अंगूठा जांच का खर्च भी खुद उठाने की हामी भर दी है। मधुबन जांच लैब में काम की अधिकता होने के कारण जांच शुरू न होने पर शिक्षकों ने निजी लैब में जांच कराने तक का विकल्प सरकार और शिक्षा विभाग को दे दिया है। निजी लैब में अंगूठा जांच पर आने वाले खर्च को नव चयनित जेबीटी मिलकर वहन करेंगे।
जेबीटी शिक्षक भर्ती पांच सौ से अधिक पात्र अध्यापकों के कारण संदेह के दायरे में है। अंदेशा है कि इन शिक्षकों ने 008-09 में फर्जी तरीके से यानि अपनी जगह किसी और को बैठाकर अध्यापक पात्रता परीक्षा पास की थी। इस कारण मामला कानूनी पचड़े में भी फंसा रहा। हाईकोर्ट ने सरकार को भर्ती का रिजल्ट निकालने के आदेश तो दे दिए, लेकिन नियुक्ति से पहले पात्रता परीक्षा में बैठे शिक्षकों की अंगूठा जांच करा लेने के आदेश दिए। सरकार ने इसी साल 14 अगस्त को रिजल्ट को घोषित कर दिया, मगर अभी तक अंगूठा जांच का कोई प्रारूप तय नहीं हुआ है। नव चयनित 9870 जेबीटी शिक्षा विभाग के ढुलमुल रवैये से खफा हैं और प्रदेशव्यापी आंदोलन छेड़े हुए हैं। dj
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