** परिनिर्वाण दिवस में कहा, पक्के मुलाजिम नहीं करते काम, कच्चों को होता है नौकरी जाने का खतरा
** प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को भी फैक्स भेजकर खाली पदों पर कच्चे कर्मचारी भरती करने की पैरवी की
कुरुक्षेत्र : भाजपा नेता लगातार अपने विवादित बोलों की वजह से नया बवाल खड़ा कर रहे हैं। अब कुरुक्षेत्र के सांसद व भाजपा नेता राजकुमार सैनी ने कहा कि प्रदेश में कोई भी पक्का सरकारी कर्मचारी नहीं होना चाहिए।
कच्चे कर्मचारी ही नौकरी जाने के डर से अच्छा काम करते हैं। वे शनिवार को जिमखाना क्लब कुरुक्षेत्र में आयोजित बाबा साहेब के परिनिर्वाण दिवस पर बोल रहे थे। सांसद ने कहा कि वह तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को बाकायदा इस संदर्भ में पत्र भेजकर मांग कर चुके हैं कि अब सभी की नौकरी कच्ची कर देनी चाहिए, इससे देश अपने आप आगे आ सकता है। इसीलिए उन्होंने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को फैक्स भेजकर सारे खाली पद कांट्रैक्ट आधार पर भरने को कहा है। सांसद के इस भाषण की कर्मचारी संगठनों ने निंदा की है।
कार्यक्रम के दौरान सांसद ने कहा कि सरकार के पक्के मुलाजिम काम नहीं कर रहे, बल्कि कच्चे कर्मचारी नौकरी जाने के डर से बेहतर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पक्के कर्मचारियों को नौकरी जाने का डर नहीं होता, जबकि कच्चे कर्मचारी इस बात से डरकर काम करते हैं कि काम नहीं किया तो उनकी नौकरी जा सकती है।
आंदोलन के लिए विवश होना पड़ेगा : संत कुमार
सर्व कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष संत कुमार ने कहा कि सांसद को सोच समझकर बयान देना चाहिए। अगर एक सांसद ही इस तरह की बयानबाजी करेगा तो कर्मचारी वर्ग भी उनकी इस बात का जवाब देना जानता है। सर्व कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष के मुताबिक सांसद ने पहले भी एक बयान दिया था कि अगर उन्हें पंजाब के सामान वेतनमान चाहिए तो पंजाब जाकर नौकरी कर लें, इस प्रतिक्रिया से पहले ही कर्मचारियों में रोष व्याप्त है। उन्होंने कहा कि ऐसा न हो कि कर्मचारियों को सरकार के खिलाफ आंदोलन खड़ा करने पर विवश होना पड़े।
जल्द आपात बैठक बुलाई जाएगी : सकसं
सर्व कर्मचारी संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष मान सिंह ने कहा कि सांसद का बयान वास्तविकता से परे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे बयान से ईमानदारी और निष्ठा से कार्य करने वाले सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों पर असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि इस बयान के विरोध में वे जल्द संगठन की आपात बैठक बुलाकर विचार-विमर्श करेंगे। उन्होंने सुझाव दिया कि सांसद जनता का प्रतिनिधि होता है और जनता में कर्मचारी वर्ग भी अपना स्थान रखता है, इसलिए सांसद ने जो बयान दिया है उसे वापिस लेना चाहिए। au
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