.

.

Breaking News

News Update:

How To Create a Website

*** Supreme Court Dismissed SLP of 719 Guest Teachers of Haryana *** यूजीसी नहीं सीबीएसई आयोजित कराएगी नेट *** नौकरी या दाखिला, सत्यापित प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं *** डीडी पावर के लिए हाईकोर्ट पहुंचे मिडिल हेडमास्टर *** बच्चों को फेल न करने की पॉलिसी सही नहीं : शिक्षा मंत्री ***

Sunday, 14 December 2014

उत्तरपुस्तिका जांची नहीं, कर दिया फेल

रोहतक : हिन्दू कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के एक छात्र को महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय ने उत्तरपुस्तिका की जांच किए बिना ही फेल कर दिया। पेपर में सात अंक भी दर्शाए गए हैं। इसका खुलासा छात्र द्वारा आरटीआइ के तहत निकलवाई गई उत्तरपुस्तिका में सामने आया है।
हैरानी की बात ये है कि विवि की इतनी बड़ी लापरवाही सामने आने के बावजूद छात्र को राहत नहीं दी जा रही। हिन्दू कालेज ऑफ इंजीनियरिंग के छात्र दिनेश आंतिल ने मई 2014 में इंजीनियरिंग छठे समेस्टर परीक्षा का पेपर डिजाइयन ऑफ कंकरीट स्ट्रेक्चर-11, कोड नंबर 4021 दिया था। इस पेपर का परिणाम सितंबर 2014 में जारी हुआ। परिणाम देखा तो पेपर में सात अंक थे और उसे फेल किया गया था। लेकिन छात्र दिनेश ने विवि प्रशासन को चुनौती दी। पहले परीक्षा नियंत्रक और फिर कुलपति को गुहार लगाई, लेकिन उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई।
आरटीआइ से खुली लापरवाही की पोल : 
छात्र ने आरटीआइ का सहारा लिया और मदवि नियमों के मुताबिक 600 रुपये फीस देकर गोपनीय शाखा से उत्तरपुस्तिका की कापी ली। उत्तरपुस्तिका को देखा तो उसकी जांच ही नहीं की गई थी। उत्तरपुस्तिका में सात अंक भी दिए गए थे, लेकिन अंदर के पेज में अंक किस आधार पर और कैसे दिए, इसका हवाला नहीं था। उसने विवि प्रशासन को चुनौती दी। लेकिन उसकी सुनवाई नहीं हो रही।
उत्तरपुस्तिका की जांच होती तो 42 अंक आते : 
छात्र दिनेश ने बताया कि उत्तरपुस्तिका की जांच कॉलेज के ही एक टीचर ने जांची तो उन्होंने बताया कि पेपर में कम से कम 42 अंक होने चाहिए थे, लेकिन विवि प्रशासन द्वारा उत्तरपुस्तिका की जांच किए बिना ही उसे फेल कर दिया। इससे विवि प्रशासन की लापरवाही के साथ-साथ हठधर्मिता भी सामने आ रही है। छात्र दिनेश का कहना है कि 90 दिन से लगातार न्याय के लिए लड़ाई लड़ रहा हूं, लेकिन न्याय नहीं मिल रहा। मुख्यमंत्री, राज्यपाल और प्रधानमंत्री दरबार में गुहार लगा चुका।
"अगर इस तरह का कोई मामला है तो उत्तरपुस्तिका की दोबारा से जांच कराई जाएगी। मामले की जांच कराएंगे ताकि सच्चई का पता लगाया जा सके।"--डॉ. बीएस सिंधु, परीक्षा नियंत्रक, मदवि।                                                         dj

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.