चंडीगढ़ : हरियाणा के खंड मौलिक शिक्षा अधिकारियों (बीईईओ) के कार्यालय में बिना लिपिकीय स्टाफ के ही काम चलाया जा रहा है। सेकेंडरी शिक्षा कार्यालयों के कर्मचारी ही बीईईओ के काम को अंजाम दे रहे हैं। इससे उन पर काम का बोझ बढ़ गया है। हरियाणा मिनिस्टियल स्टाफ एसोसिएशन (हैमसा) ने प्रदेश सरकार से बीईईओ कार्यालयों में लिपिकीय स्टाफ तैनात करने की मांग की है। इसके साथ ही पंजाब के समान वेतनमान का मुद्दा भी उठाया है। हैमसा के राज्य प्रधान संदीप सांगवान व महासचिव सतीश सेठी ने कहा कि सेवा नियमों में संशोधन, पदोन्नति व नई पक्की भर्ती की मांगों को लेकर 10 जिलों में लिपिक जिला शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से शिक्षा मंत्री को ज्ञापन भेज चुके हैं। बार-बार अपील करने पर भी शिक्षा मंत्री से समय न मिलने से कर्मचारियो में नाराजगी बढ़ रही है। उन्होंने बताया कि चार साल पहले सरकार ने प्रदेश के सभी खंडों में पहले से स्थापित खण्ड शिक्षा अधिकारियों के कार्यालयों के साथ-साथ खंड मौलिक शिक्षा अधिकारियों के कार्यालय भी खोले थे। इनमें अधिकारियों की नियुक्ति तो कर दी गई, लेकिन मिनिस्ट्रीयल स्टाफ का कोई पद स्वीकृत नहीं किया। इससे सेकेंडरी स्टाफ पर काम का बोझ बढ़ा है। खंड मौलिक शिक्षा अधिकारी बिना स्टाफ के सालों से खाली बैठे हैं। कई सालों से रिक्त पड़े अधीक्षक के 320 पदों को नहीं भरा जा रहा है। लिपिक के 1098 तथा चतुर्थ श्रेणी के 5327 पद भी खाली चल रहे हैं। इन सभी मुद्दों को लेकर वे शिक्षा मंत्री से वार्ता करना चाहते हैं, मगर उन्हें समय नहीं दिया जा रहा। अब जनजागरण अभियान के तीसरे चरण में फरवरी में भिवानी, जींद, सोनीपत, रोहतक, झच्चर व रेवाड़ी में जिला शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से शिक्षा मंत्री को ज्ञापन भेजे जाएंगे। dj
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