चंडीगढ़ : हरियाणा सरकार की ओर से बीते 9 फरवरी को नौकरी से निकाले जाने के बाद 325 गेस्ट टीचरों में से 41 ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में प्रदेश सरकार के फैसले को चुनौती दी है। उन्होंने अपनी याचिका में कहा है कि टीचरों को नौकरी से हटाना सरकार की ओर से सुप्रीमकोर्ट में दिए आश्वासन का उल्लंघन है।
हाईकोर्ट के जस्टिस राजेश बिंदल ने याचिका पर नोटिस जारी करते हुए हरियाणा के वित्त सचिव शिक्षा और डायरेक्टर सेकेंडरी एजुकेशन से जवाब तलब किया है। अगली सुनवाई नौ मार्च को होगी। लोकेश और अन्य ने एडवोकेट अनु चतरथ के माध्यम से दायर याचिका में कहा है कि उन्हें 2005 में रखा गया था। दिन में एक पीरियड के हिसाब से मानदेय मिलता था। इसी बीच एक मामले में हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा कि बच्चों की पढ़ाई का यह कैसा तरीका है। इस पर सरकार ने शिक्षकों की नियमित भर्ती करने का आश्वासन दिया था। हाईकोर्ट ने 31 मार्च 2011 के बाद गेस्ट टीचर्स को हटाने का निर्देश दिया था, लेकिन अध्यापकों की नियमित भर्ती नहीं हो पाई और हाईकोर्ट ने सरकार की मांग पर गेस्ट टीचर्स को 31 दिसंबर 2012 तक नहीं निकालने का आदेश दिया। हाईकोर्ट ने यह भी पूछा था कि गेस्ट टीचर्स को आखिर कैसे रखा गया। याचिका में बताया गया कि सरकार ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों से उनके अधीन गेस्ट टीचर्स की भर्ती प्रक्रिया पूछी थी। au
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