चंडीगढ़ : सलेक्शन कमेटी इंटरव्यू के बाद अभ्यर्थियों के नंबरों की टोटलिंग भी ठीक नहीं कर पाई। इसी टोटलिंग के आधार पर हिसार की गुरु जंभेश्वर यूनिवर्सिटी ने मैरिट में पहले नंबर पर रहे डॉ. अजय शंकर को नौकरी से वंचित कर दिया। बल्कि दूसरे नंबर पर रहे डॉ. राजेंद्र सिंह कुंडू का असिस्टेंट प्रोफेसर (फिजिक्स) के पद पर सलेक्शन कर दिया। आरटीआई के माध्यम से ली गई सूचना से अजय शंकर को इस गफलत का पता चला। इस भर्ती प्रक्रिया में सलेक्शन कमेटी संभवत: पहले से ही तय कर चुकी थी कि किस व्यक्ति को असिस्टेंट प्रोफेसर बनाना है।
संभवत: यही वजह है कि उसके एकेडमिक नंबर 62 होते हुए भी इंटरव्यू में केवल 13 नंबर दिए गए। इन्हें मिलाकर उनके कुल अंक 75 बनते हैं, लेकिन स्कोर शीट में 67 नंबर लिख दिए। जबकि राजेंद्र सिंह कुंडू के एकेडमिक नंबर 57 नंबर ही थे। उन्हें इंटरव्यू में 16 अंक देकर टोटल 73 करके उनका सलेक्शन कर दिया। मजे की बात यह है कि तत्कालीन वीसी एम.एल. रंगा समेत सलेक्शन कमेटी के सभी 9 सदस्यों ने भी स्कोर शीट के नंबरों को री-चैक किए बिना ही अपने साइन भी कर दिए।
बैकडोर से हुई भर्ती:
अजय शंकर का आरोप है कि वर्ष 2006 में रीडर के पद पर भर्ती के लिए आवेदन मांगे गए थे। वर्ष 2008 में इस पोस्ट के लिए एआईसीटीई की क्वालिफिकेशन के आधार पर फिर विज्ञापन जारी किया गया। इसके बाद छठा वेतन आयोग लागू होने पर इस पोस्ट को अपग्रेड करके असिस्टेंट प्रोफेसर कर दिया गया। इस पर एआईसीटीई की ओर से तयशुदा क्वालिफिकेशन पीएचडी और बैचलर एवं मास्टर डिग्री (प्रथम श्रेणी) के आधार पर नए सिरे से विज्ञापन जारी किया गया। आवेदनों के अभाव में इंटरव्यू नहीं हुए और इस पोस्ट को वर्ष 2013 और 2014 में फिर से री-एडवरटाईज करना पड़ा। यूनिवर्सिटी ने बिना कोई संशोधित विज्ञापन दिए इस पोस्ट की क्वालिफिकेशन एमएससी कर दी और 19 जुलाई, 2014 को इंटरव्यू ले लिए।
यूनिवर्सिटी को दिया लीगल नोटिस:
अब डॉ. अजय शंकर ने हिसार की जीजेयू यूनिवर्सिटी को लीगल नोटिस देकर इस गलती को ठीक करके असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर उसका सलेक्शन करने का आग्रह किया है। उनका कहना है कि अगर यूनिवर्सिटी ने उन्हें उनका हक नहीं दिया तो वे हाईकोर्ट में चुनौती देंगे। इससे पहले भी इस मामले को लेकर वे 15 दिसंबर, 2014 को वाइस चांसलर को रिप्रेजेंटेशन दे चुके हैं।
जल्दी ही देंगे जवाब:
इधर, हिसार की गुरू जंभेश्वर यूनिवर्सिटी के कार्यवाहक रजिस्ट्रार प्रोफेसर एम.एस. तुरान का कहना है कि उन्हें डॉ. अजय शंकर का लीगल नोटिस मिल गया है। हम उसका रिप्लाई तैयार करवा रहे हैं। पूरे फैक्ट्स के साथ लीगल नोटिस का जवाब देंगे। db
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