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Saturday, 7 February 2015

शिक्षा विभाग ने की तबादला नीति की घोषणा , शर्त पर होगा तबादला

** शिक्षक को तबादला करवाना है तो छोड़नी होगी अपनी वरिष्ठता 
सोनीपत : शिक्षा विभाग द्वारा तबादला नीति की घोषणा कर दी गई है। इससे जहां अंतर जिला तबादला प्रक्रिया शुरू होने से शिक्षक वर्ग में खुशी है तो वहीं इस बात का दुख भी है कि उनके तबादले शर्तों के आधार पर होंगे। विशेषकर वरिष्ठता का मुद्दा एक नहीं कई शिक्षकों की नींद हराम कर रहा है। क्योंकि म्यूचुअल आधार पर दोनों अध्यापकों को मूल जिला की वरिष्ठता छोड़नी होगी। यहां अहम बात यह भी है कि शिक्षकों को तबादले के लिए ऑनलाइन आवेदन करने होंगे। यह प्रक्रिया 15 फरवरी से शुरू होकर 25 मार्च तक चलेगी। विभाग स्तर पर तबादला प्रक्रिया को आगामी शैक्षणिक सत्र पर बिना किसी विवाद के संचालित करने के लिए पूरी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। 
सामान्य तबादलों की राह अभी भी मुश्किल : 
एक ओर जहां तबादला कुछ शिक्षकों के लिए टेंशन की खबर है तो वहीं बहुत से ऐसे शिक्षक भी हैं जो अंतर जिला तबादलों का काफी समय से इंतजार ही कर रहे थे। हालांकि इस बार विभिन्न कैटेगरी को प्राथमिकता दिए जाने के कारण सामान्य तबादलों की राह मुश्किल रही है। रोस्टर के हिसाब से देखा जाए तो वेकेंसी ही नहीं होने के कारण जनरल कैटेगरी के ट्रांसफर नहीं हो सकते हैं विभाग द्वारा दो साल पहले भी इंटर-डिस्ट्रिक्ट ट्रांसफर के तहत तकरीबन ट्रांसफर कैटेगरी वाइज ही हुए थे। 
बता दें कि सामान्य लेवल पर तबादले अंतिम बार वर्ष 2005-06 में हुए थे। यही कारण है कि बहुत से शिक्षक अपनी वरिष्ठता को छोड़कर भी तबादलों को तैयार हैं। दरअसल डिस्ट्रिक्ट कैडर में होने के कारण जेबीटी शिक्षकों के ट्रांसफर के साथ ही उनकी सिनियरिटी (वरिष्ठता) खत्म हो जाती है। जैसे कि शिक्षक ने वर्ष 2004 में जेबीटी शिक्षक के पद पर नौकरी शुरू की। यदि वह वर्ष 2015 में तबादला करा लेता है तो वह 2011-12 में भर्ती हुए शिक्षकों से भी जूनियर माना जाएगा। 
म्यूचुअल तबादले के लिए यह व्यवस्था 
म्यूचुअल तबादले की सूरत में दोनों अध्यापकों को तबादले के लिए साझे तौर पर लिखित आवेदन करना होगा। दोनों अध्यापकों में से एक अध्यापक तय समय में नए स्टेशन पर ज्वाइन नहीं करता तो दोनों अध्यापकों का तबादला रद्द हो जाएगा। 
तबादला नीति की मुख्य बाते 
  • 15 फरवरी से ऑनलाइन आवेदन। 
  • 25 मा्च तक आवेदन प्रक्रिया। 
  • 29 मार्च तक शिक्षा अधिकारी मेरिट बना निदेशालय भेजेंगे। 
  • स्कूल एजूकेशन की बेवसाइट से तबादले को आवेदन पत्र डाउनलोड किया जा सकता है। 
  • अतिथि अध्यापकों और ठेके पर रखे अध्यापकों के तबादला फार्म स्वीकार नहीं होंगे। 

इन्हें मिलेगी प्राथमिकता
तबादला नीति के मुताबिक जेबीटी सीएंडडी की ऐसी अध्यापिकाओं को प्राथमिकता दी जाएगी, जिनके पति शिक्षा विभाग के जिला काडर में कार्यरत हों या राज्य सरकार के किसी भी विभाग के जिला काडर में कार्यरत हों। नौकरी में आने के बाद शादी करने वाली अध्यापिकाओं को उनके पति या ससुराल के जिला में तबादले को प्राथमिकता दी जाएगी। जिन अध्यापिकाओं के पति राज्य, केंद्र या स्थानीय निकाय में काम करते हैं, उन्हें संबंधित जिलों में तबादले में तरजीह दी जाएगी। म्यूचुअल तबादले अध्यापकों के उसी वर्ग में किए जाएंगे। मेडिकल बोर्ड द्वारा प्रामाणिक 70 प्रतिशत विकलांग को प्राथमिकता, विधवा तलाकशुदा अध्यापिका को प्राथमिकता, कैंसर सरीखी भयावह बीमारी से पीडि़त अध्यापक, अविवाहित अध्यापिका, सैनिकों की पत्नी को तबादलों में तवज्जो दी जाएगी।
"नई तबादला नीति की घोषणा होना अच्छा है, लेकिन दूसरे जिले में जाने की चाहत रखने पर अपनी वरिष्ठता को छोड़ना सही नहीं है। सरकार को इस बाबत ध्यान देना चाहिए।'' -- दिनेश छिक्कारा,प्रवक्ता, हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ।                                                   db

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