सोनीपत : कॉलेज स्टूडेंट्स इन दिनों टेंशन में है। उनकी टेंशन की वजह है सेमेस्टर सिस्टम। सेमेस्टर सिस्टम के कारण पढ़ाई पूरी हो नहीं पा रही और विद्यार्थियों के रि-अपीयर के केस लगातार बढ़ते जा रहे है। चूंकि एक विद्यार्थी की रि क्लियर भी नहीं होती और अगला एग्जाम जाता है। उस पर विभिन्न कार्यों के चलते कॉलेज में होने वाली छुट्टियां भी हैं।
सेमेस्टर सिस्टम से बढ़ी परेशानी :
वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. बीके सिंह मानते हैं काॅलेजों में सेमेस्टर सिस्टम लागू किए जाने के बाद से कई समस्याएं सामने आई हैं। इसमें से एक मुख्य है जनवरी से जून तक वाले सेमेस्टर में तो ढंग से कक्षाएं लग पाती हैं और ही परीक्षाओं के लिए तैयारियों का समय मिल पाता है। ऐसे में अक्सर दूसरे, चौथे और छठे सेमेस्टर की पढ़ाई प्रभावित होती है।
90 कक्षाएं है जरूरी :
यूजीसीके नार्म्स के तहत एक सेमेस्टर में 90 कक्षाएं और एक साल में 180 कक्षाएं लगाई जानी अनिवार्य है। इसी के हिसाब से हर साल प्रत्येक प्राध्यापक को अपनी एसीआर भर के देनी होती है। इसमें उसे अपने 180 लेक्चर भर कर देने होते हैं, लेकिन कोई भी सेमेस्टर ऐसा नहीं होता जिसमें पूरी 90 कक्षाएं लग पाती है।
"मदवि ने स्नातकीय (यूजी) पाठ्यक्रमों-दूसरे तथा चौथे सेमेस्टर-री अपीयर परीक्षा के लिए ऑनलाइन परीक्षा फार्म भरने की अंतिम तिथि 12 फरवरी तक बढ़ा दी है। फार्म 12 फरवरी तक बगैर विलंब शुल्क के भरे जा सकते हैं''-- डॉ. बीएससंधू, परीक्षा नियंत्रक, एमडीयू, सोनीपत।
हो सकता है बदलाव
नए शैक्षणिक सत्र में संभव है कि सेमेस्टर सिस्टम की प्रणाली में बदलाव हो। कॉलेज प्रिंसिपल की बैठक हुई थी और विभागीय अधिकारियों ने राय शुमारी की थी। अधिकांश प्रिंसिपलों की राय सेमेस्टर सिस्टम को खत्म कर वार्षिक परीक्षा करवाने की थी। db
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.