सोनीपत : बेरोजगार होने की कगार पर पहुंचे, अपने रोजगार को बनाए रखने के लिए हर मुमकिन कोशिश में लगे हैं। उनके भाग्य का फैसला सोमवार को शिक्षा विभाग के वित्तायुक्त टीसी गुप्ता द्वारा किया जाना है। इससे पहले रविवार को कंप्यूटर टीचर पहले प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री कविता जैन के आवास पर पहुंचे और फिर सांसद के यहां जाकर भी गुहार लगाई।
दोनों ही जगह उन्हें आश्वासन मिला कि उनकी मांग को सरकार तक पहुंचाया जाएगा। इससे पूर्व कंप्यूटर टीचरों की जिला स्तरीय बैठक हुड्डा पार्क में सुनील गहलावत की अध्यक्षता में हुई। बैठक के बाद सभी शिक्षकों ने मिलकर कैबिनेट मंत्री कविता जैन को अपनी एक सत्रीय मांग कंपनी का अनुबंध रद्द कराते हुए शिक्षा विभाग में समायोजित करने की उठाई।
विभाग कर रहा अधिकारियों को बचाने की कोशिश अपनी मांगों को लेकर कंप्यूटर टीचर्स लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन न्याय पाने में अब तक कामयाब नहीं हो पाए हैं। शिक्षक संघ के प्रदेश प्रवक्ता सुरेश नैन ने बताया कि अगस्त 2013 में 3000 कंप्यूटर शिक्षकों की नियुक्ति की गई थी, जिनको पहले 6 महीने तक कोई वेतन नहीं मिला।
मजबूरन शिक्षकों को 25 फरवरी से 7 मार्च 2014 तक आंदोलन करना पड़ा, तब जाकर शिक्षकों का पहला वेतन आया। फिर वेतन मिलना बंद हो गया, तो आखिरकार शिक्षकों ने 1 जून 2014 से 8 अगस्त 2014 तक 68 दिन तक आंदोलन किया। तब दूसरी बार दो महीने का वेतन मिला ओर फिर वेतन मिलना बंद हो गया।
अब 19 जनवरी 2015 से तीसरी बार आंदोलन कर रहे है विदित हो कि शिक्षा विभाग द्वारा एक वर्ष पहले ही कंपनियों की जांच की जा चुकी है जिसमे कंपनियों को दोषी पाया गया और विभाग द्वारा तीन बार कंपनियों को अनुबंध समाप्त करने की भी चेतावनी दी जा चुकी है, लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ। जिस कारण कम्प्यूअर टीचर परेशान हैं। ऐसे में सरकार के पास निजी कंपनियों को हटाने के अलावा कोई रास्ता ही नहीं बचा। db
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.