सोनीपत : गेस्ट टीचरों, एडहॉक आधार और डीसी रेट पर लगे कर्मचारियों के अच्छे दिन सकते हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शनिवार को इसके संकेत दिए। उन्होंने कहा कि अभी तक इस श्रेणी के लोग खुद को सरकारी कर्मचारी कहते हैं, लेकिन इनका रोजगार खतरे हैं। हर कोई दिन गिन रहा है। इसके बाद सीएम बोले,'मैं विश्वास दिलाता हूं कि इनमें से किसी का भी रोजगार नहीं छिनेगा। कोर्ट के आदेश को ध्यान में रखते हुए जहां भी संभव होगा, सभी को एडजस्ट किया जाएगा।'
रेलवे ओवर ब्रिज के उद्घाटन के बाद सभा में मुख्यमंत्री का यह बयान इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि गेस्ट टीचरों की नौकरी पर कोर्ट के फैसले की तलवार है। कई गेस्ट टीचरों की नौकरी से छुट्टी हो चुकी है। इस वक्त प्रदेश में करीब 15 हजार गेस्ट टीचर हैं। इसके अलावा डीसी रेट और एडहॉक पर लगे कर्मचारियों की संख्या करीब एक लाख है। खट्टर ने कहा कि प्रदेश के शिक्षित बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने के लिए सरकार ने रोड मैप बना लिया है। सरकार करीब 43,000 हजार नई नियुक्तियां करेगी।
इसी कार्यक्रम मेंं स्थानीय विधायक एवं कैबिनेट मंत्री कविता जैन की मांग पर मुख्यमंत्री ने सोनीपत को नगर निगम का दर्जा देने का भरोसा दिलाया है। उन्होंने कहा कि जल्दी ही इसे मंत्रिमंडल समूह की बैठक में रखकर मंजूरी दिलाई जाएगी।
सोनीपत में जैसे ही सीएम सेक्टर-15 में मंत्री कविता जैन के घर से बाहर निकलकर गाड़ी में बैठने लगे तो एक युवक रवि ने जोर से चिल्लाना शुरू कर दिया "सीएम साहब मेरी भी सुन लो'। रवि की आवाज सुनकर सीएम ने उसकी नौकरी संबंधी समस्या को सुना।
तो कंप्यूटर टीचर भी तेज करेंगे आंदोलन
सरकार स्कूलों में लगे कंप्यूटर टीचर भी नियमित करने की मांग को लेकर आंदोलन तेज करेंगे। पिछले 28 दिनों से शिक्षा सदन के बाहर धरना चल रहा है। प्रदेश में 2800 से ज्यादा कंप्यूटर टीचर आंदोलनरत हैं।
यह भी पेंच
गेस्ट टीचरों को सेवा समाप्त किए जाने की याचिका कोर्ट में लंबित है। पात्रता परीक्षा पास कर चुके युवा भी गेस्ट टीचरों को हटाने की मांग कर चुके हैं। कोर्ट भी कह चुका है कि जब सरकार नियमित भर्ती कर चुकी है, तो गेस्ट टीचर क्यों रखे हैं? इस मामले में मई में सुनवाई होनी है। 719 गेस्ट टीचर हटाए जा चुके हैं।
हुड्डा सरकार ने भी बनाया था ब्लू प्रिंट
हुड्डा सरकार ने भी गेस्ट टीचरों को नियमित करने की पॉलिसी बनाई थी। कैबिनेट में पास किया गया था कि 2018 तक जिन गेस्ट टीचरों की 10 साल की सेवा पूरी हो जाएगी, उन्हें नियमित किया जाएगा।
कच्चे कर्मियों की पॉलिसी भी स्पष्ट नहीं
हुड्डा सरकार ने कच्चे कर्मचारियों को नियमित करने की पॉलिसी बनाई थी। लेकिन पॉलिसी में शर्तें ऐसी थीं, बहुत कम लोगों को इसका फायदा हुआ था। कर्मचारी संगठन सभी कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने की मांग करते रहे हैं। db
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