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Sunday, 8 February 2015

बजट में बढ़ सकती है आयकर छूट सीमा

** भत्ते, मेडिकल, होम लोन ब्याज पर छूट की सीमा में भी वृद्धि संभव, सब्सिडी पर गिर सकती है गाज 
नईदिल्ली : साल 2015-16 का आम बजट पेश होने में अब सिर्फ तीन हफ्ते रह गए हैं। वित्त मंत्री अरुण जेटली का यह पहला पूर्ण बजट होगा। आम आदमी हो या उद्योग, हर वर्ग को इससे काफी उम्मीदें हैं। 
जानकार भी कह रहे हैं कि यह बजट अर्थव्यवस्था की दिशा तय करेगा। हम बता रहे हैं इस बजट में क्या बदलाव संभव हैं। 
80सी: आयकरकी इस धारा के तहत हमें निवेश पर कर छूट मिलती है। पिछले बजट में इसकी सीमा एक से बढ़ाकर डेढ़ लाख की गई थी। इसे दो लाख किया जा सकता है। अभी इस धारा में बहुत से इंस्ट्रूमेंट हैं। पीएफ, एनएससी, ईएलएसएस , जीवन बीमा प्रीमियम, होम लोन का मूलधन, ट्यूशन फीस आदि। इसे कम कर एक-दो इंस्ट्रूमेंट पर अलग छूट दी जा सकती है। 
सब्सिडी: वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि अगले बजट में खर्चों पर अंकुश लगाएंगे। यानी खाद्य और उर्वरक सब्सिडी पर गाज गिर सकती है। डीजल को नियंत्रणमुक्त करने के बाद ईंधन सब्सिडी अब ज्यादा नहीं है। दूसरी छमाही में रसोई गैस और केरोसिन पर सब्सिडी सिर्फ 22,000 करोड़ रुपए रहने का अनुमान है। 
इन्फ्रास्ट्रक्चर: जीडीपीमें 7 फीसदी ग्रोथ के लिए अगले कुछ वर्षों में इन्फ्रास्ट्रक्चर पर कम से कम 50 लाख करोड़ रुपए निवेश करना होगा। वित्त मंत्री अगले साल रेल, सड़क, बंदरगाह आदि पर तीन लाख रुपए निवेश की रूपरेखा दे सकते हैं। 
मैन्युफैक्चरिंग: "मेकइन इंडिया' अभियान के तहत मैन्युफैक्चरिंग को भी बूस्ट देने की कोशिश होगी। इस सेक्टर को कर रियायतें दी जा सकती हैं। कच्चे माल के आयात पर कम और तैयार प्रोडक्ट के आयात पर ज्यादा ड्यूटी लग सकती है। अभी कई वस्तुओं पर इसका उल्टा यानी इनवर्टेड ड्यूटी लागू है। 
मेडिकल : अभी आप साल में 15,000 रुपए तक रीइंबर्समेंट ले सकते हैं। यह 50,000 हो सकता है। मेडिक्लेम प्रीमियम की सीमा भी 35 से बढ़कर 50 हजार हो सकती है। अभी अपने और परिवार के लिए 15 हजार और माता-पिता के लिए 20 हजार रुपए प्रीमियम की सीमा है। शेषपेज | 11 पर 
भत्ते : ज्यादातर भत्ते करीब 10 साल पहले तय हुए थे। इस दौरान महंगाई काफी बढ़ी। इसे देखते हुए इनके बढ़ने की भी पूरी संभावना है। अभी ट्रांसपोर्ट अलाउंस 800 रुपए महीना और बच्चों की पढ़ाई का अलाउंस 100 रुपए महीना है। लीव एनकैशमेंट सीमा भी तीन लाख रुपए से बढ़ सकती है। 
होमलोन : अभी दो लाख रुपए तक के ब्याज भुगतान पर आप कर छूट का लाभ ले सकते हैं। इसे ढाई लाख करने की तैयारी है। पिछले बजट तक यह सीमा डेढ़ लाख थी। 
आयकर : छूटसीमा बढ़ सकती है। पिछले बजट में 60 साल से कम उम्र वालों के लिए छूट सीमा दो से बढ़ाकर ढाई लाख रुपए सालाना की गई थी। इस बार कितनी बढ़ेगी, इस पर जानकार अलग-अलग संभावनाएं बता रहे हैं। कुछ का मत है कि यह तीन लाख हो सकती है, कुछ पांच लाख तक मान रहे हैं। स्लैब में भी बदलाव संभव है। अभी पांच से 10 लाख तक 20 फीसदी और 10 लाख से ऊपर की आय पर 30 फीसदी टैक्स लगता है। 30 फीसदी टैक्स के लिए 20 लाख रपए की आय सीमा तय हो सकती है।                                                                                       db

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