.

.

Breaking News

News Update:

How To Create a Website

Monday, 7 March 2016

केंद्रीय विद्यालयों में संस्कृत अध्ययन पर जोर

नई दिल्ली : संस्कृत भाषा के अध्ययन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अब केंद्रीय विद्यालय संगठन (केवीएस) ने विशेष प्रयास शुरू कर दिए हैं। संगठन ने दसवीं के बाद विद्यार्थियों को संस्कृत अध्ययन के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से न सिर्फ अनुबंध के आधार पर पोस्ट ग्रेजुएट टीचर नियुक्त करने जा रहा बल्कि उसकी कोशिश है कि ये शिक्षक छात्रों को संस्कृत अध्ययन के लिए प्रोत्साहित करें। 
केवीसए की संयुक्त आयुक्त (शैक्षिक) डॉ. विजयालक्ष्मी ने इस बाबत सभी केवीएस को निर्देश जारी कर कहा गया है कि 15 से ज्यादा छात्रों के संस्कृत अध्ययन के लिए तैयार रहने पर अनुबंध के आधार पर संस्कृत शिक्षकों की भर्ती करें। यहां बता दें कि वर्ष 2014 में केंद्रीय विद्यालयों ने 11वीं में भाषा विषय के रूप में संस्कृत को भी 2015-16 के शिक्षण व्यवस्था में शामिल किया था। लेकिन जब इसके अध्ययन को लेकर आंकड़े एकत्र किए गए तो पता चला कि बहुत कम संख्या में छात्रों ने संस्कृत का चयन किया था। स्थिति ये थी कि नए छात्र ही नहीं बल्कि दसवीं में संस्कृत पढ़ चुके छात्र भी इसमें रुचि नहीं ले रहे थे। सिर्फ बंगलुरू और एर्नाकुलम में कुछ छात्रों ने इसमें रुचि दिखाई। संगठन की ओर से जब छात्रों के इस रवैये की वजह जानने की कोशिश की गई तो पता चला कि स्कूलों में संस्कृत पढ़ाने वाले शिक्षकों की संख्या कम है। ऐसे में अब अब शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए अनुबंध के आधार पर संस्कृत विषय के शिक्षकों की भर्ती की जाएगी। केवी की कोशिश है कि जो छात्र दसवीं में संस्कृत पढ़ चुके हैं वह 11वीं में भी संस्कृत को चुने। इतना ही नहीं प्रचार-प्रसार की योजना के अंतर्गत उन छात्रों को संस्कृत अध्ययन के लिए प्रेरित किया जाएगा जो दसवीं में इस विषय में अध्ययनरत नहीं थे।                           dj 

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.